जानें गणपति साधना के नियम

By: Nov 21st, 2020 12:20 am

अर्थात हे गणेश्वर, आप गुह्य और अति गुह्य साधना के संरक्षक हैं। मेरे द्वारा जो जप किया गया है, कृपा करके आप इसे ग्रहण कीजिए। हे देव, आपकी कृपा से मुझे सिद्धि लाभ हो। गणपति की पूर्ण विधान से की गई पूजा-साधना तथा धैर्यपूर्वक किया गया ब्रह्मचर्य का पालन साधक को सिद्धि के द्वार तक पहुंचा सकता है। भगवान गणेश ऐसे देवता हैं, जो विघ्न-विनाशक हैं। इनकी पूजा सभी देवताओं से पहले होती है। यह सिद्धि के मार्ग में आने वाली हर बाधा को दूर करते हैं…

-गतांक से आगे…

इसके पश्चात शुद्ध चित्त से मूलाधार चक्र में गणपति का चिंतन करते हुए उनके सम्मुख दंत, पाश, अंकुश, परशु, लड्डू, अभय-वरद तथा बीजपुर- ये सात मुद्राएं प्रदर्शित करें। फिर श्री गणपति का स्वागत करते हुए उनसे सदैव निकट रहने की प्रार्थना निम्नवत मंत्र द्वारा करें ः

स्वागतं देव देवेश गणेश सन्निधो भव।

गृहाण मानसी पूजां यथार्थ भावितमिति।।

इसके बाद मन को गणपति में लगाकर माला की प्रार्थना करें ः

ओउम एं ह्रीं अक्षरमालायै नमः। ओउम ह्रीं सिद्धयै नमः।

ओउम मां माले महामाले सर्वशक्ति स्वरूपिणी।।

ओउम चतुर्वर्गस्त्वयि न्यस्तस्तस्मान्मे सिद्धिदा भवा।

शुभं कुरुष्व मे भद्रे यशोवीर्यं च सर्वदा।।

माला की प्रार्थना के बाद बीजमंत्र की प्रार्थना करें ः

त्वं बीजं सर्वमंत्राणां त्वं माला सर्वदायिनी।

त्वं दाता सर्वसिद्धिनामेकाक्षर नमोअस्तु ते।।

अब माला को दोनों हाथों में लेकर मस्तक पर लगाएं और 108 बार निम्नवत मूलमंत्र का जप करें ः

ओउम गणपतये नमः।

फिर माला को मस्तक से लगाते हुए निम्नवत मंत्र का उच्चारण करें ः

त्वं माले सर्वदेवानां प्रीतिदा शुभदा भव।

शुभं कुरुष्व मे भद्रे यशो वीर्यं च सर्वदा।।

अंत में यहां दी गई प्रार्थना का उच्चारण करके भावना द्वारा श्री गणपति के दाएं हाथ में जप को समर्पित करें ः

गुह्यातिगुह्यगोप्ता त्वं गृहाणास्मत्कृतं जप।

सिद्धिर्भवतु मे देव त्वस्प्रसादाद् गणेश्वर।।

अर्थात हे गणेश्वर, आप गुह्य और अति गुह्य साधना के संरक्षक हैं। मेरे द्वारा जो जप किया गया है, कृपा करके आप इसे ग्रहण कीजिए। हे देव, आपकी कृपा से मुझे सिद्धि लाभ हो। गणपति की पूर्ण विधान से की गई पूजा-साधना तथा धैर्यपूर्वक किया गया ब्रह्मचर्य का पालन साधक को सिद्धि के द्वार तक पहुंचा सकता है।

(साधना की अगली कडि़यों में हम आस्था के विभिन्न पहलुओं से पाठकों को अवगत कराएंगे। साधना के विभिन्न तरीकों से अवगत होने के लिए आप हमारे साथ निरंतर जुड़े रहें। साधना के अध्याय से आपको जरूर लाभ होगा, ऐसा हमारा विश्वास है। साधना को पूरे मन से करना चाहिए।)


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App