कोयले की जगह ईकों फ्रेंडली प्रोजेक्ट

देश में निर्मित की जाने वाली नई बिजली परियोजनाएं सोलर रिन्यूअल व हाईड्रो आधारित बनेंगी। पैरिस सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री ने कोयले से चलने वाली परियोजनाओं के बदले ईको फ्रेंडली सोलर रिन्यूअल व हाइड्रो आधारित परियोजनाओं पर काम करने पर जोर दिया है। यहां बता दें कि नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) पिछले चार से पांच सालों से देश भर में सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी बनकर उभरी है और 2032 तक नए बिजली उत्पादन लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। बिलासपुर जिला के हरनोड़ा में 800 मेगावाट क्षमता की परियोजना है और प्रतिवर्ष इस परियोजना की डिजाईन एनर्जी 3055 मेगावाट है। पिछले साल जहां 3450 मेगावाट उत्पादन था तो वहीं इस बार दिसंबर अंत तक कोविड संकट होने के बावजूद 3250 मेगावाट उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस परियोजना के प्रमुख एनएस ठाकुर ने इसी वर्ष जून माह में यहां ज्वाइन किया है। जमथल कालोनी में गुरुवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले साल देश में 1380 मिलीयन युनिट बिजली उत्पादन दर्ज किया गया है, जिसमें हाइड्रो का 290 मिलीयन यूनिट बिजली उत्पादन शामिल है और इतना ही सोलर का भी। उन्होंने बताया कि अभी एनटीपीसी का लेवल दो प्रतिशत पर है जिसे अगले बारह सालों में 20 प्रतिशत लेवल तक लेकर जाने का प्लान है। इस अवधि तक 12800 मेगावाट से ज्यादा बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया है। इस समय यह आंकड़ा 50 हजार मेगावाट है। उन्होंने बताया कि कोलडैम में सिल्ट की मात्रा काफी कम है लिहाजा अगले 70 से 80 वर्षों तक इस डैम में कोई भी दिक्कत पेश नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए प्रबंधन ने पूरे प्रदेश के 70 स्कूलों में 112 शौचालयों का निर्माण करवाया है। इसी तरह सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए शिमला जिला के शोली पंचायत के 15 गांवों में 80.42 लाख की लागत से सौर ऊर्जा चलित सोलर स्ट्रीट लाईटें स्थापित की गई हैं। इसी तरह तत्तापानी में प्राकृतिक गर्म पानी के स्रोत डूब गए थे जिन्हें सुरक्षित स्थान पर पुनःस्थापित कर दिया गया है। वहीं, कोलडैम हरनोड़ा (बिलासपुर) परियोजना प्रमुख एनटीपीसी एनएस ठाकुर ने कहा कि अब देश में जो भी नई बिजली परियोजनाएं बनेंगी वह सोलर रिन्यूअल व हाईड्रो पर आधारित होंगी। प्रधानमंत्री ने कोयले से चलने वाली परियोजनाओं को कम कर ईको फ्रेंडली सोलर रिन्यूअल व हाईड्रो परियोजनाओं पर काम करने पर जोर दिया है। एनटीपीसी भी 2032 तक बिजली उत्पादन के नए लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है।