पंजाब में खाली हुईं पटरियां, किसानों के ग्रीन सिग्नल के बाद ही चलेंगी ट्रेनें

पंजाब में किसानों के ग्रीन सिग्नल के बाद दो महीने बाद ट्रेनों चलना जल्द शुरू हो जाएंगी। पंजाब की कैप्टन अमरेंदर सिंह सरकार द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद रेलवे ने इसकी पुष्टि कर दी है। रेलव ने कहा है कि रेल ट्रैकों की जांच के बाद ट्रेनें फिर से चलाई जाएंगी। बता दें कि किसान संगठन 23 नवंबर से सभी जगहों से रेल ट्रैक से हटने को राजी हो गए। किसान मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों दोनों को चलने देने पर सहमति जताई। इसके बाद रेलवे ने भी सकारात्मक रुख दिखाया है। फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम ने कहा है कि रेलवे पंजाब में ट्रेनों का परिचालन शुरू करने को पूरी तरह तैयार है। इससे राज्य में जल्द फिर से रेल सेवा शुरू होने की संभावना है। पंजाब सरकार ने भी राज्य में यात्री और मालगाडियों का परिचालन शुरू करने के लिए अनुरोध पत्र लिखा है।

केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों का पिछले दो महीने से विरोध कर रहे पंजाब के 30 किसान संगठन 23 नवंबर से अगले 15 दिन के लिए यात्री ट्रेनों व मालगाडिय़ां चलाने देने पर सहमत हो गए हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हुई बैठक में किसान नेताओं ने रेल ट्रैक क्षेत्र खाली करने पर सशर्त सहमति दी। उन्होंने केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि उनके साथ बातचीत शुरू करके मसले का हल निकाले। साथ ही स्पष्ट किया कि 26 और 27 नवंबर को दिल्ली चलो आंदोलन को स्थगित नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर, किसानों के साथ बैठक के बाद पंजाब सरकार ने राज्य में रेल सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए रेलवे और केंद्र सरकार को औपचारिक अनुरोध पत्र भेजा। इस पत्र में किसानों के साथ वार्ता में बनी सहमति का हवाला देते हुए पंजाब में यात्री और मालगाडि़यों का परिचालन फिर से शुरू करने का अनुरोध किया गया है। फिरोजपुर रेल मंडल के प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने कहा कि हमारी तैयारी पूरी है और जैसे ही रेलवे मुख्यालय से आदेश मिलेंगे, गाडि़यों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।