स्नोव्हाइट और सात बौने

By: Nov 21st, 2020 12:20 am

ताबूत आ जाने के बाद राजकुमारी का शरीर सावधानी व सम्मान के साथ उठाकर उसमें रख दिया गया। अब ऐसा लगने लगा जैसे कोई राजकुमारी शीशे के बक्से में सो रही हो। बौने जंगल से सुंदर-सुंदर फूल चुन लाए और उन्हें राजकुमारी के शरीर पर रख दिया। पशु-पक्षी भी आकर बौनों के साथ रोने और शोक मनाने लगे। बौनों की तो दिनचर्या ही बदल गई थी। उन्होंने अब काम पर जाना छोड़ दिया था। बस दिन भर ताबूत के चारों ओर बैठे रहते और राजकुमारी स्नोव्हाइट की बातें करते रहते-वह क्या करती थी, क्या बातें कहती थी, कैसे उनका ख्याल रखती थी और छोटी-मोटी सारी घटनाएं बार-बार दोहराते रहते…

-गतांक से आगे…

‘‘नहीं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। मैं लाश को सड़ने से बचाए रखने कि विद्या जानता हूं। आखिर राजकुमारी ने हमें कितना प्यार दिया। उसे हम आंखों से दूर कैसे करें?’’ सयाना बौना बोला। उसने आंखें बंद करके मंत्र पढ़ते हुए राजकुमारी स्नोव्हाइट के शरीर के ऊपर हाथों को घुमाया। मंत्र क्रिया पूरी होने के बाद सयाने ने बाकियों को शीशे का ताबूत लाने का आदेश दिया। ताबूत आ जाने के बाद राजकुमारी का शरीर सावधानी व सम्मान के साथ उठाकर उसमें रख दिया गया। अब ऐसा लगने लगा जैसे कोई राजकुमारी शीशे के बक्से में सो रही हो। बौने जंगल से सुंदर-सुंदर फूल चुन लाए और उन्हें राजकुमारी के शरीर पर रख दिया। पशु-पक्षी भी आकर बौनों के साथ रोने और शोक मनाने लगे। बौनों की तो दिनचर्या ही बदल गई थी।

उन्होंने अब काम पर जाना छोड़ दिया था। बस दिन भर ताबूत के चारों ओर बैठे रहते और राजकुमारी स्नोव्हाइट की बातें करते रहते-वह क्या करती थी, क्या बातें कहती थी, कैसे उनका खयाल रखती थी और छोटी-मोटी सारी घटनाएं बार-बार दोहराते रहते। साथ ही साथ आंसू बहाते रहते। एक दिन वे ताबूत के चारों ओर बैठे रोज की तरह शोक मना रहे थे, आंसू बहा रहे थे कि एक राजकुमार अपने घोड़े पर सवार उधर से गुजरा। बौना-घर के पास उसने घोड़ा रोका और बौनों से जानना चाहा ‘‘तुम सब इतने दुखी और उदास क्यों हो? क्या हो गया है तुम्हें? कुछ तो बात है। शायद तुम पर कोई भारी विपत्ति आन पड़ी है। माजरा क्या है?’’ ‘‘हे राजकुमार, हम पर सचमुच ही घोर विपत्ति आई है।’’ ऐसा कहते हुए बौनों ने सारी कहानी राजकुमार को बताई।

 (स्नोव्हाइट और सात बौने की कहानी आपको अच्छी लगी होगी, ऐसी हमें आशा है। अभी इस कहानी में ट्विस्ट आने वाला है, यह कहानी पहले से भी ज्यादा रोचक हो जाएगी। इस कहानी का आनंद लेने के लिए आप हमारी पत्रिका ‘आस्था’ से निरंतर जुड़े रहें। हमें विश्वास है कि इस सीरीज में आगे जो कहानियां आएंगी, उन्हें पढ़कर आपको जरूर आनंद आएगा। आपको बता दें कि आगे की कहानियों में भी भरी-पूरी रोचकता है।)


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App