सोच-समझकर करें निवेश 

By: Nov 23rd, 2020 12:01 am

पहले पीएमसी बैंक और अब लक्ष्मी विलास बैंक किसी भी वित्तीय संस्थान से इस प्रकार का समाचार आना डराने वाला प्रतीत होता है। पर पिछले कुछ सालों का इतिहास देखें तो ऐसा लगता है कि धीरे-धीरे हमारी बैंकिंग प्रणाली स्वच्छ हो रही है, जो अति आवश्यक है। पर इन बैंकों के ग्राहकों को अनिश्चितता के साथ परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। समय पर लिया गया सही कदम एवं सावधानीपूर्वक लिया गया निर्णय अमूनन ऐसी स्तिथियों से बचाने में सहायक सिद्ध होता है। वित्तीय सेवाओं की दुनिया में बहुत सारी गलत बिक्री होती है, जिसके लिए केवल कुछ मामलों में जवाबदेही तय की जाती है, अन्य में ग्राहक ही नुकसान उठाता है। इसलिए यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि हम पहले उत्पाद को समझें और उसके पश्चात ही वित्तीय निर्णयों को अंतिम रूप दें। ऐसा न करने के नतीजों को ध्यान में रखना आवश्यक है।

 लेखक : करुणेश देव

ऐसे उत्पाद न खरीदें जो एजेंटों या बैंकों द्वारा धकेल दिए जाते हैं

अमूनन ऐसा होता है कि आप बैंक जाते हैं एफडी खुलवाने के लिए पर वहां मैनेजर या कर्मचारी आपको बीमा अथवा शेयर मार्केट से जुड़ा हुआ कोई उत्पाद बेच देता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए पहले ही यह निश्चय करके जाएं कि आपका बैंक जाने का वास्तविक कारण क्या है तथा वहां किसी भी अन्य उत्पाद के विचार-विमर्श से बचें।

रिटर्न के उच्च वादों के लालच से बचेंः अधिकांश लोग लालच के कारण अधिक हानि झेलते हैं अथवा कई बार तो मूल पूंजी का नुकसान भी उठाना पड़ता है। यह समझना महत्त्वपूर्ण है किपांच फीसदी का निश्चित रिटर्न उस स्थिति से बेहतर है, जहां पूरे मूलधन के नुकसान की बहुत अधिक संभावना है और 15 फीसदी के रिटर्न का वादा किया गया हो। थोड़ा सा लालच आपकी जमा पूंजी को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है। लालच के एक कार्य से लोगों का पूरा जीवन उथल पुथल होने के कई उदाहरण हैं।

अवास्तविक वापसी का वादाः जोखिम को रिटर्न के हिसाब से आनुपातिक कहा जाता है, लेकिन उच्च जोखिम का मतलब निश्चित रूप से उच्च रिटर्न नहीं है। अपनी जोखिम लेने की क्षमता का आकलन करें और फिर एक ऐसे उत्पाद का चयन करें जिसके साथ आप सहज हैं। उदाहरण के लिए, बैंकों या फिक्स्ड रिटर्न उत्पादों की तुलना में बाजारों से जुड़े उत्पाद अधिक रिटर्न दे सकते हैं। लेकिन अगर कोई पारंपरिक बीमा पॉलिसी से दोहरे अंकों के रिटर्न का वादा करता है, तो ग्राहक को सतर्क हो जाना चाहिए।

लॉक इनः अपने निवेश के लिए लॉक इन की अवधि की जांच करना महत्त्वपूर्ण है। किसी आपातकालीन स्थिति में क्या आप अपनी जमा पूंजी को वापस ले कर उपयोग कर पाएंगे या नहीं, यह एक ऐसा प्रश्न है, जिसका उत्तर  आपको अनुबंध करने से पहले सुनिश्चित करना  होगा। बहुत से लोग चाहते हैं कि उनका निवेश लंबी अवधि के लिए लॉक इन किया जाए, जिससे वे न तो कोई छेड़छाड़ कर सकें और न ही कोई बदलाव। जबकि दूसरी ओर ऐसे लोग भी हैं, जो चाहते हैं कि उनका धन हमेशा निकासी के लिए उपलब्ध रहे।

परिपक्वता विकल्प : बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट को परिपक्व होने से पहले और कभी भी तोड़ा जा सकता है। पीपीएफ, एनएससी, एनपीएस और म्यूचुअल फंड जैसे अन्य उत्पादों के लिए परिपक्वता और निकास नियम अलग-अलग हैं। इस संबंध में निर्णय तरलता और भविष्य में धन की आवश्यकताओं के अनुसार लिया जाना चाहिए।

और अंत में

इन बातों के साथ- साथ ये भी ध्यान में रखना आवश्यक है कि जो उत्पाद आपको दिखाया जा रहा है अथवा जिसमें आप निवेश आरंभ करना चाहते हैं, किसी नियामक द्वारा अनुमोदित है। क्या कोई प्राधिकरण है, जो भविष्य में किसी भी शिकायत से संबंधित मामला सुलझा सकता है। उत्पाद संबंधित शुल्क, उपयुक्ता और मूल पूंजी की सुरक्षा इसके विषय में जानना भी अति महत्त्वपूर्ण है।

जागरूक रहिए, स्वस्थ रहिए व घर पर रहिए। 

संपर्कः karuneshdev@rediffmail.com

नोट : यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।


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