उग्र किसानों के आगे झुका केंद्र दिल्ली में आंदोलन की इजाजत

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली Nov 28th, 2020 12:08 am

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ  किसानों का आंदोलन दिल्ली के दरवाजे से आगे बढ़ गया है। आखिरकार सरकार झुक गई है और किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाजत दे दी है। हालांकि, सिंघु बॉर्डर पर तनाव बना हुआ है। यहां हरियाणा और पंजाब के किसान बड़ी तादाद में जमे हुए हैं। बीच-बीच में पथराव जारी था। दिल्ली में एंट्री कर गए किसानों को बुराड़ी ले जाया गया है। वे यहां के निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले सिंघु बार्डर पर दिल्ली पुलिस ने तीन लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी। सबसे आगे कंटीले तार थे। फिर ट्रकों को बैरिकेड की तरह लगाया गया। आखिर में वॉटर कैनन तैनात थी।

इतने इंतजाम भी किसानों को नहीं रोक पाए। पुलिस और किसानों के बीच लगातार दूसरे दिन बड़ा टकराव पानीपत में हुआ। बड़ी तादाद में किसान बैरिकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली की तरफ  आगे बढ़ गए। पीछ-पीछे पंजाब के किसान भी थे। इनकी हरियाणा पुलिस से झड़प होती रही। पानीपत के सेक्टर-29 के थाने के पास पुलिस ने जेसीबी मशीन बुला ली और सड़कों को खोद दिया। कई किसान शिवा गांव के पास मेन हाई-वे पर खेतों से होते हुए कई किलोमीटर लंबे बैरिकेड को पार कर दिल्ली की तरफ  आगे बढ़ गए। जब आंदोलन दिल्ली बार्डर के पास पहुंचा, तो कमान हरियाणा के किसानों ने संभाली। पीछे-पीछे पंजाब के किसानों का जत्था आ रहा था। हरियाणा के किसानों का कहना था कि दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर जो पुलिस तैनात है, वह हरियाणा के किसान नेताओं को जानती है। पंजाब से किसान भाई आए हैं, वे हमारे मेहमान हैं। इसलिए हम उन्हें आगे नहीं करेंग, बल्कि पुलिस की पहली लाठी हम खाएंगे।

पुलिस ने सड़कें खोदीं, लेकिन किसान बढ़ते गए

जिस तरह बस्तर के कई नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई पड़ते हैं, ठीक वैसे ही गड्ढे हाइवे पर दिखाई दिए। पुलिस ने कई जेसीबी लगा दीं। बैरिकेडिंग के लिए ट्रकों का इस्तेमाल किया। इसके बाद भी किसान खेतों के सहारे अपना रास्ता बनाते गए। किसानों की दिल्ली में बड़े आंदोलन की तैयारी है। इसके लिए वे ट्रैक्टरों पर गैस सिलेंडर और चूल्हे तथा दळ महीने का राशन लेकर चल रहे हैं।


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