धर्मशाला में सुकून पाते थे मसाला किंग, खेल नगरी में ससुराल के साथ बेस्ट फ्रेंड के साथ करते थे कारोबार पर चर्चा

By: पवन कुमार शर्मा - धर्मशाला     Dec 4th, 2020 12:05 am

एमडीएच मसालों के शहंशाह महाशय धर्मपाल का हिमाचल से गहरा नाता, खेल नगरी में ससुराल के साथ बेस्ट फ्रेंड के साथ करते थे कारोबार पर चर्चा

एमडीएच मसालों के शहंशाह महाशय धर्मपाल गुलाटी का हिमाचल से गहरा नाता रहा है। जब भी उन्हें समय मिलता, वह अपने ससुराल धर्मशाला जरूर आते थे। धौलाधार की वादियों में सकून के पल बिताने के साथ अपने घनिष्ठ मित्र परमेश चड्डा के साथ बैठकर कारोबार के प्रचार-प्रसार की मंत्रणा भी करते थे। 98 वर्ष की आयु में अचानक उनके इस तरह चले जाने से उनके ससुराल सहित समूचा प्रदेश शोक में है। खासकर धर्मशाला के लोगों के दिलों में उन्होंने विशेष स्थान बना लिया था।

उनके सुबह उठने, सैर करने, व्यायाम और इस उम्र में भी दिनचर्या का पालन करने के नियमों को जानकर हर कोई हैरान रह जाता था। महाशय धर्मपाल ने भारत सहित दुनिया के कई देशों में अपना कारोबार स्थापित कर एमडीएच मसालों से भारत की धाक जमा रखी है। मूल रूप से सियालकोट पाकिस्तान के रहने वाले महाशय धर्मपाल ने भारत पाक विभाजन के बाद दिल्ली में आकर तांगा चलाना शुरू किया था, लेकिन इस काम में अधिक समय मन नहीं लगा और फिर  से अपने पुस्तैनी मसालों के काम को शुरू करने का निर्णय लिया। उन्होंने एक छोटी सी दुकान का नाम महाशय दी हटी यानि एमडीएच रखकर मसालों का कारोबार शुरू किया। धीरे-धीरे देश-विदेश में उनके मसालों की मांग बढ़ी और देखते ही देखते मसालों की दुनिया के शहंशाह बन गए।

महाशय धर्मपाल के करीबी व उनकी लगभग प्रत्येक एड फिल्म को बनाने वाले धर्मशाला के परमेश चड्डा ने बताया कि गुरुवार सुबह मिले दुखद समाचार ने उन्हें भीतर से हिला दिया। उन्होंने बताया कि महाशय धर्मपाल का हृदय गति रुकने से निधन हुआ। श्री चड्डा का कहना है कि महाशय जी ने आर्य समाज के प्रसार व संरक्षण के लिए भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। अनाथ आश्रमों, धार्मिक संत समागमों में वह निरंतर हाजिरी भरते थे। परमेश चड्डा कहते हैं कि उनके लिए तो वह एक फरिश्ता साबित हुए हैं। चड्डा ने बताया कि उनकी  महाशय से धर्मशाला में एक विवाह के अवसर पर भेंट हुई थी। इसके बाद महाशय ने सीधे उन्हें एमडीएच के लिए ऐड फिल्में बनाने का ऑफर दे दिया। आज तक चड्डा एमडीएच की करीब 50 से अधिक एड फिल्में बना चुके हैं।

महाशय धर्मपाल नालागढ़ में करते थे यज्ञ

आरुणि पाठक – नालागढ़

एमडीएच मसाला किंग धर्मपाल महाशय गुलाटी का नालागढ़ से भी गहरा नाता रहा है। वह नालागढ़ उपमंडल के गुल्लरवाला स्थित शिव मंदिर में आते थे और यहां आयोजित होने वाले बड़े महायज्ञ में शिरकत करते थे। बताया जाता है कि शिव मंदिर के बाबा उनके गुरू थे और मंदिर में किए जाने वाले बड़े यज्ञ में वह शामिल होते थे। लगातार वह यहां आते-जाते रहे हैं, जब तक बाबा यहां पर विराजमान रहे। यही नहीं, मसाला किंग प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पठन पाठन सामग्री सहित आर्थिक मदद भी किया करते थे। यह कहना है कि क्षेत्र के समाजसेवी डा. जितेंद्र शारदा का। नालागढ़ उपमंडल के पंजैहरा निवासी समाजसेवी डा. जितेंद्र शारदा के अनुसार मसाला किंग गुल्लरवाला स्थित शिव मंदिर में आया जाया करते थे।

वह पूरी तरह से सादगी पसंद इनसान थे। वह उनसे कई बार मिले हैं और शिव मंदिर में रहने वाले बाबा उनके गुरू थे। जब तक वह यहां रहे, मसाला किंग मंदिर में आते रहे। वह यहां होने वाले महायज्ञ के आयोजन में भाग लेते थे, लेकिन बाबा के सांसारिक यात्रा पूर्ण करने के उपरांत मसाला किंग ने भी यहां आना छोड़ दिया। डा. शारदा के अनुसार मसाला किंग महाशय धर्मपाल एमडीएच के उत्पादों को स्वयं इस्तेमाल करते थे और उसके बाद ही वह इन उत्पादों को मार्केट में उतारते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें याद है कि एक बार जब वह गुल्लरवाला शिव मंदिर में आए थे तो अपने उत्पाद की मेहंदी उन्होंने स्वयं अपने हाथों में रचाकर दिखाते हुए कहा था कि वह कोई भी उत्पाद मार्केट में लाने से पहले स्वयं इस्तेमाल करते थे, चाहे वह मसाला हो या फिर अन्य कोई उत्पाद। डा. शारदा ने कहा कि उनके इस संसार से चले जाने से निश्चित तौर पर पूरे देश सहित गुल्लरवाला गांव निवासियों को गहरा आघात पहुंचा है।


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