केंद्र सरकार किसानों से बातचीत को राजी, कौन नेता होंगे शामिल, यहां जानें

By: एजेंसियां — नई दिल्ली Dec 1st, 2020 2:24 pm

नई दिल्ली — किसानों और केंद्र सरकार के बीच चल रही तेज तकरार और विरोध प्रदर्शन के बीच अब राहत भी खबर आई है। कृषि बिलों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान आज दोपहर तीन बजे सरकार से बातचीत के लिए राजी हो गए हैं। किसानों का कहना है कि वे इसलिए तैयार हो गए हैं, क्योंकि इस बार सरकार ने कोई शर्त नहीं रखी है। सरकार और किसान नेताओं के बीच दोपहर तीन बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक होगी।

सरकार ने सोमवार देर रात किसानों को बातचीत का न्योता भेजा था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें न्योता दिया गया है। हालांकि, इस पर विवाद हो गया। दरअसल, कृषि विभाग के सचिव की तरफ से जारी हुई न्योते की चिट्ठी में 32 किसानों के नाम थे।

ये सभी पंजाब के किसान नेता थे। ये हरियाणा के अपने साथियों का नाम भी शामिल करने का दबाव बनाने लगे। इसके बाद न्योते में हरियाणा से गुरनाम चढ़ूंनी और मध्यप्रदेश से किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी का नाम शामिल किया गया।

32 साल बाद ऐसा आंदोलन, 36 घंटे में सरकार की तीसरी बैठक
सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के पांच लाख किसान यहां जुटे थे। किसानों के मुद्दे पर सरकार 36 घंटे में तीन बैठकें कर चुकी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर मंगलवार को हुई मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। बैठक में शामिल होने के लिए शाह के राइजिंग डे इवेंट में नहीं गए।

ट्रैक्टर फिर एक्शन में
सरकार से बातचीत से पहले दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का गुस्सा देखा गया। गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड हटाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया।

कनाडा के पीएम ने आंदोलन का किया समर्थन
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो किसान किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले पहले विदेशी नेता और राष्ट्राध्यक्ष बन गए हैं। उन्होंने हालात को चिंताजनक बताया। गुरुनानक देव के 551वें प्रकाश पर्व पर एक ऑनलाइन इवेंट के दौरान ट्रूडो ने कहा कि वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं। हमने इस बारे में भारत सरकार को अपनी चिंताओं के बारे में बता दिया है।

सरकार ने दो बार शर्त रखी थी

सरकार पहले इस बात पर अड़ी थी कि किसान तीन दिसंबर को बातचीत के लिए आएं। सोमवार को सरकार ने यह जिद छोड़ दी और पहली दिसंबर दोपहर 3 बजे 32 किसान नेताओं को बातचीत का न्योता भेजा। इससे पहले सरकार ने किसानों से कहा था कि वे प्रदर्शन खत्म कर बुराड़ी आ जाएं तो बातचीत पहले भी हो सकती है। किसान इस पर नहीं माने।

130 खाप पंचायतें भी आंदोलन से जुड़ेंगी

हरियाणा की 130 खाप पंचायतें आज किसान आंदोलन में शामिल होंगी। उधर, पंजाब में भी पंचायतों ने हर घर से एक मेंबर को धरने में शामिल होने के लिए कहा है। दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी सोमवार को किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App