किसान आंदोलन में कूदे कनाडा के पीएम; भारत ने दी नसीहत आंतरिक मामलों में दखल न दें

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो,नई दिल्ली Dec 2nd, 2020 12:10 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो,नई दिल्ली

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए यहां की स्थिति पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भारत में हालात बेहद चिंताजनक हैं। हम परिवार और दोस्तों को लेकर परेशान हैं। हमें पता है कि यह कई लोगों के लिए सच्चाई है। आंदोलन से समर्थन जताते हुए ट्रूडो ने आगे कहा कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार का बचाव करेगा।

हमने भारतीय प्रशासन के सामने अपनी चिंताएं रखी हैं। यह वक्त सबके साथ आने का है। ट्रूडो का यह बयान भारत में वायरल हो चुका है। कुछ लोग ट्रूडो के बयान पर सवाल उठा रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि ट्रूडो ने किसानों का साथ देकर सही किया है।इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्त्रिया देते हुए ट्रूडो को नसीहत दी है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश नहीं करें। वहीं, इस मामले पर देश के राजनीतिक गलियारों से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ट्रूडो की टिप्पणी को लेकर मीडिया के सवालों पर कहा कि हमने भारतीय किसानों से संबंधित मसले पर  कनाडा के नेताओं की टिप्पणियां देखीं, जो गलत सूचना पर आधारित हैं। इस तरह की टिप्पणियां बेवजह और बेकार हैं, खासकर जब बात एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों की हो। अच्छा तो यही होगा कि कूटनीतिक स्तर की बातचीत को जरिए सरकार ने किसानों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि नए कानूनों से उनको ही फायदा मिलेगा और एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। हालांकि मीटिंग के बाद किसानों के डेलिगेशन में शामिल रहे चंदा सिंह ने दो टूक कहा कि आंदोलन जारी रहेगा और तेज किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ  हमारा आंदोलन जारी रहेगा और हम निश्चित तौर पर सरकार से कुछ हासिल करके रहेंगे-वह चाहे बंदूक की गोलियां हों या शांतिपूर्ण समाधान। हम आगे की बातचीत के लिए वापस आएंगे। मीटिंग खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहण के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहण ने बताया कि बातचीत बेनतीजा रही है। मीटिंग में शामिल रहे ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के प्रमुख प्रेम सिंह भंगु ने कहा कि बातचीत अच्छी रही और कुछ प्रगति हुई है।  सरकार के साथ तीन दिसंबर को अगले दौर की बातचीत के दौरान हम उन्हें भरोसा दिलाएंगे कि कृषि कानून का कोई भी प्रावधान किसानों के हित में नहीं है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।  उधर, किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत अच्छी रही। उन्होंने कहा कि हमने तीन दिसंबर को फिर बातचीत का फैसला किया। तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि एक छोटा समूह गठित हो, लेकिन किसान नेता चाहते थे कि सभी से बातचीत होनी चाहिए। हमें इससे कोई समस्या नहीं है। बातचीत के दौरान सरकार ने फिर किसान नेताओं से आंदोलन वापस लेने की अपील की। नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि हम किसानों से आंदोलन सस्पेंड कर बातचीत के लिए आने की अपील करते हैं। हालांकि, यह फैसला किसान संघों और किसानों पर निर्भर करेगा।


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