किसानों के साथ कुल्लू
मांग को लेकर सीटू ने किया प्रदर्शन, किसान विरोधी कानून वापस ले सरकार
किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर देश के 520 से अधिक किसान संगठन पूरे देश में और दिल्ली के वार्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। गुरुवार को किसान आंदोलन के समर्थन में जनवादी जनसंगठन हिमाचल किसान सभा-सीटू-नौजवान सभा, एसएफआई संयुक्त रूप से पूरे देश में प्रदर्शन किया, जिसके तहत सभी जनवादी संगठनों ने गुरुवार को नगर ब्लॉक के पतलीकूहल में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में आए नौजवान-महिलाओं-किसान और मजदूरों को संबोधित करते हुए हिमाचल किसान सभा के सह सचिव होतम सिंह सौंखला ने कहा कि केंद्र सरकार ने महामारी की आड़ में बिना संसद में चर्चा किए बगैर, अध्यादेश लाकर तीन कृषि कानून पास किए जो तीनों कानून देश के किसानों के विरोध में हैं। देश के पूंजीपतियों के पक्ष में लाए यह कानून देश के 85 फीसदी छोटे किसानों के बर्बाद करने वाले हैं। इन कानूनों के चलते देश में सरकारी मंडियों का अस्तित्व समाप्त होगा।
मंडियां समाप्त होने से पूंजीपतियों और कंपनियों की मनमानी होगी। उन्होंने कहा कि ठेका खेती कानून से किसान और कंपनी के बीच विवाद होने पर किसानों को न्यायालय जाने का अधिकार नहीं रहेगा और कंपनियों की मनमानी होगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन कर दिया है, जिसमें अनाज तिलहन, दलहन, आलू, प्याज इत्यादि की भंडार की खुली छूट दी है। जाहिर है कंपनियां बड़े पैमाने पर अनाज व खाने-पीने की चीजों का भंडारण करेंगी। अनाज किसानों से मनमाने दामों पर खरीदेगी और महंगे दामों पर बाजार में बेचेंगी। किसान कृषि कानूनों के विरोध में पिछले चार महीनों से आंदोलन कर रहे हैं और पिछले छह दिनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन देश की मोदी सरकार अभी भी इस बिल को निरस्त करने में आनाकानी कर रही है। 27 नवंबर को दिल्ली जा रहे किसानों पर जिस तरह से अत्याचार किए वे आज तक आजादी के बाद नहीं हुए।
सिंह ने कहा कि आज देश के किसान, मजदूर, महिला, नौजवान, छात्र, पूर्व सैनिक, खिलाड़ी, गायक कलाकार, बुद्धिजीवी सभी देश के किसानों के आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं। सभी मांग कर रहे हैं कि तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन केंद्र सरकार तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए हिमाचल किसान सभा नगर ब्लॉक के सचिव अनिल कुमार ने कहा कि अगर आज बातचीत से हल नहीं निकलता है तो यहां से भी किसान जल्द ही दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इस प्रदर्शन को सीटू जिला कोषाध्यक्ष भूप सिंह भंडारी, महिला समिति की सह संयोजक ममता नेगी, नौजवान सभा के नेता गोविंद भंडारी व छात्र नेता सुनील ठाकुर और हिमाचल किसान सभा मनाली ब्लॉक के प्रधान चमन लाल ने संबोधित किया।
कांग्रेस सेवादल ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
सैंज। केद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयक 2020 के विरोध में कांग्रेस सेवादल के सदस्यों ने देश भर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर किसान आंदोलन का समर्थन किया है। गुरुवार को कांग्रेस सेवादल सदस्यों ने देश की हर जिला इकाइयों ने इस विरोध में भाग लिया। कुल्लू जिला कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष महेश शर्मा ने बताया कि सेवादल ने कृषि सुधार विधेयक के तीनों विधेयक को समाप्त करने की मांग को लेकर नायब तहसीलदार सैंज व जिलाधीश के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर मांग की गई कि किसानों के हितों को दरकिनार कर पूंजिपतियों और उद्योगपतियों के पक्ष में पारित बिल को तुरंत समाप्त किया जाए। किसानों को पूंजीपतियों के गुलामी से बाहर रखने तथा सामाजिक, आर्थिक व जनतांत्रिक ढांचे की मजबूती के लिए किसान विरोधी कानून को खारिज करने के लिए सेवादल देश भर के किसानों के आंदोलन का समर्थन करता है।
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