लेह रेललाइन का एक और सर्वे; बाद में होगा फाइनल, 20 फीसदी पहाड़ों की स्ट्रेंथ का पता लगाना बाकी

By: कार्यालय संवाददाता — बिलासपुर Dec 6th, 2020 12:06 am

अभी महज जनरल विजिट; बाद में होगा फाइनल, 20 फीसदी पहाड़ों की स्ट्रेंथ का पता लगाना बाकी

सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण भानुपल्ली-लेह रेललाइन को लेकर अभी एक और सर्वे होगा। यानी फाइनल सर्वेक्षण अभी बाद में किया जाएगा। टीम जनरल विजिट पर है। इस रेललाइन के लिए तीन सर्वे हो चुके हैं, जिसके कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, लेकिन अभी भी केवल मात्र प्रक्रिया सर्वे तक ही सिमटी हुई है। वहीं, जल्द ही विशेषज्ञों की टीम एक ओर सर्वे करेगी, जिसे फाइनल सर्वे माना जाएगा। उत्तर रेलवे के चीफ इंजीनियर हरपाल सिंह ने यह खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार अभी तक तुर्की से आए विशेषज्ञों की टीम ने महज बिलासपुर से मनाली तक के पहाड़ों की स्टे्रंथ का पता लगाया है।

हालांकि भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रेलवे के लिए लेह तक रेललाइन पहुंचाना आसान नहीं होगा, जिसके चलते अभी तक रेलवे की ओर से शुरुआती दौर में केवल मात्र बिलासपुर से मनाली तक को ही फोकस किया जा रहा है। वहीं, बिलासपुर से मनाली रेलाइन प्रक्रिया के तहत अभी तक केवल मात्र 80 पहाड़ों तक ही तुर्की विशेषज्ञों की टीम पहुंच पाई है। अभी भी 20 फीसदी पहाड़ ऐसे हैं, जिनकी स्टें्रथ मापना शेष रह गई है।

जो बीस फीसदी पहाड़ शेष हैं, वे बिलासपुर और मनाली के बीच ही स्थित हैं, जिनकी स्ट्रेंथ मापने के लिए दोबारा विशेषज्ञों की टीम दौरा करेगी। तुर्की विशेषज्ञों की टीम ने भानुपल्ली-लेह रेललाइन के तहत बिलासपुर से मनाली के बीच पहाड़ों की स्ट्रेंथ का पता लगाया है। इसे लेकर कई दिनों तक टीम हिमाचल में ही रही। हालांकि इस टीम द्वारा यहां पर पहाड़ों का विजिट किया। अभी तक इसे फाइनल सर्वे नहीं माना जा रहा है। अभी तक एक और सर्वे होगा। इससे पहले अलाइनमेंट सुधार के बाद डाटा प्रोसेसिंग प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं, इसके बाद विशेषज्ञों की टीम एक बार फिर विजिट करने के लिए पहुंचेगी। बता दें कि भानुपल्ली से बिलासपुर के बीच बन रही रेललाइन के कार्य को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


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