प्रधानमंत्री जी! मुंह में राम बगल में छुरी नहीं चलेगी, अब हमारे मन की बात भी सुनें

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली Dec 1st, 2020 12:12 am

 आंदोलन को सही अंजाम तक पहुंचाए बिना नहीं मानेंगे किसान

 यह आंदोलन किसी एक किसान का नहीं, पूरे देश के किसानों का है

दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली

नए कृषि कानूनों के खिलाफ  विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आंदोलन के पांचवें दिन किसानों ने कहा कि हम यहां अपने मन की बात मोदी को सुनाने आए हैं। हमारी बात नहीं सुनने पर उनको इसका नतीजा भुगतना होगा। किसानों ने कहा मोदी जी, मुंह में राम-बगल में छुरी वाला काम कर रहें हैं, यह हरगिज मंजूर नहीं है। सोमवार को पंजाब के 30 किसान संघों की बैठक हुई और फिर किसान संघों ने दोपहर को सिंघु बार्डर पर मीटिंग की। दोपहर की मीटिंग के बाद किसानों ने प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए सरकार पर हमला बोला।

किसानों ने कहा कि यह आंदोलन किसी एक प्रदेश का नहीं है, यह आंदोलन किसी एक किसान का नहीं है, यह पूरे देश का किसानों का आंदोलन है। किसान नेता ने कहा कि मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चलता रहेगा। किसानों का साफ  कहना है कि वे पीछे नहीं हटेंगे। भारती किसान यूनियन (डकौंदा) के नेता  जगमोहन सिंह ने कहा कि हम सभी राज्यों के किसान संगठनों के साथ बैठक नहीं कर सकते। हम केवल पंजाब के 30 संगठनों के साथ ही ऐसा कर सकते थे। हमने मोदीजी के सशर्त निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। वहीं, स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि यह आंदोलन ऐतिहासिक है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह किसान और सत्ता की लड़ाई है। यह आंदोलन भारत के लोकतंत्र के लिए एक मिशाल की तरह है। स्वराज इंडिया के प्रमुख ने कहा कि अब सवाल किसानों से पूछने से अच्छा है कि सरकार से पूछा जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है, बल्कि 30 किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। देश के कई राज्यों के किसान अपने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर रहे हैं।

बुराड़ी ग्राउंड में जुटे किसानों को बाहर जाने की इजाजत नहीं, भूख हड़ताल पर बैठे

नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ  किसानों के प्रदर्शन के लिए बुराड़ी में एक ग्राउंड की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह मैदान खाली पड़ा है। जो किसान यहां पहुंचे भी हैं, उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। पंजाब के अमृतसर से दिल्ली पहुंचे किसानों ने बुराड़ी ग्राउंड के एंट्री प्वाइंट पर अपना डेरा जमाया है। पिछले तीन दिन से किसानों की कोशिश है कि वे जंतर-मंतर पहुंचें, लेकिन प्रशासन की ओर से इजाजत नहीं मिली है। सोमवार को किसानों ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं का विरोध किया, पुतला फूंका, साथ ही कुछ किसान अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। किसानों की ओर से लगातार बुराड़ी लाए जाने का विरोध किया जा रहा था और इसे ओपन जेल बताया जा रहा है।


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