सेब की बात चलती है,तो अकसर वूलि एफिड नामक कीट का जिक्र आता है। यह कीड़ा सेब व अन्य फसलों का दुश्मन है। बागबानों की मांग पर अपनी माटी टीम ने नौणी यूनिवर्सिटी का दौरा किया। पेश है बागबानों के लिए बड़े काम की यह खबर…
नौणी – सेब व अन्य फसलों को वूलि एफिड नामक कीड़ा बहुत नुकसान पहुंचाता है। यह कीड़ा पत्तों से रस चूसकर धीरे धीरे फसलों को खत्म कर देता है। इसे रूईंदार कीड़ा भी कहते हैं। अपनी माटी के लिए नौणी से हमारी सहयोगी मोहिनी सूद ने डिपार्टमेंट ऑफ एंटोमोलॉजी से डा. राकेश कुमार से बात की। राकेश कुमार ने बताया कि अगर बागबान इस पर प्लानिंग से काम करें, तो वूलि एफिड पूरी तरह खत्म हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह कीट काफी फसलों को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन सेब का सबसे बड़ा दुश्मन है। बागबान इस कीट को रोकने की शुरुआत सर्दियों से भी कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को एक चिपकू बैंड का प्रयोग करना चाहिए। इस बैंड में लगी गौंद पानी से भी खराब नहीं होगी, लेकिन इस बैंड पर मिट्टी नहीं लगनी चाहिए। इस बैंड को पेड़ के शुरआती हिस्से में लगाना चाहिए। कीट जब इस बैंड पर से गुजरता है तो वह इससे चिपक जाता है और मर जाता है।
रिपोर्टः निजी संवाददाता, नौणी
कविंद्र को प्रगतिशील किसान का पुरस्कार
चंबा। डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के स्थापना दिवस के मौके पर चंबा की कीड़ी पंचायत के बंजल गांव के कविंद्र कुमार को मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील किसान का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस समारोह का आयोजन वर्चुअली किया गया। समारोह की अध्यक्षता महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने की, जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि उपस्थिति दर्ज करवाई। रविंद्र कुमार को यह पुरस्कार कृषि क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए प्रदान किया गया।
हिमाचल में फिर उठी शुगर मिल खोलने की मांग किसान बोले, मंड में खोला जाए गन्ना उद्योग
मंड (इंदौरा, कांगड़ा)। सिरमौर जिला की पांवटा वैली और कांगड़ा जिला के मंड एरिया में इन दिनों गन्ने की फसल पूरी तरह तैयार है। किसान दिन-रात गन्ना काटने में जुटे हुए हैं, लेकिन बड़े दुख की बात है कि प्रदेश में एक भी शुगर मिल नहीं है। इस कारण हमारे किसानों को पंजाब या हरियाणा की मंडियों में अपना माल बेचना पड़ता है। अकेले मंड एरिया की बात करें,तो वहां के किसानों को पंजाब के मुकेरियां में अपनी फसल बेचनी पड़ती है। दिक्कत यह है कि पंजाब में वहां हिमाचल के किसानों को उसी समय तवज्जो मिलती है,जब उनका माल बिक जाए। कई बार रेट की भी दिक्कत रहती है। ऐसे में ट्रांसपोर्टेशन में बहुत खर्च हो जाता है। मंड के किसानों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश में ही शुगर मिल खोली जाए। किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि उसके अधिकारी मंड इलाके का दौरा करके यहां कारखाने की संभावना तलाशें। इलाके के हजारों किसानों ने अपनी माटी के जरिए उम्मीद जताई है कि सीएम जयराम ठाकुर जरूर उनके इस मसले पर गौर करेंगे।
कम पानी में तैयार होता है कुफरी ज्योति आलू
सिरमौर का अदरक बाजार में धड़ाम
सफेद सोने के नाम से मशहूर सिरमौरी अदरक की इस बार खूब बेकद्री हो रही है। इसके तीन बड़े कारण हैं। पेश है अपनी माटी में यह स्पेशल खबर
सुलाह में पेंटर ने उगाए चाय के दो हजार पौधे
हिमाचल में चाय बागानों का रकबा लगातार कम हो रहा है। इसी बीच कुछ ऐसे बागबान हैं,जो अपने दम पर चाय की खेती को सहेज रहे हैं। पेश है पालमपुर से यह हौसलों की उड़ान भरती सक्सेस स्टोरी
रिपोर्टः कार्यालय संवाददाता, पालमपुर
सीधे खेत से
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