शीतकालीन सत्र पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण; पठानिया बोले, बेवजह बयानबाजी कर रहे नेता प्रतिपक्ष

वन एवं युवा सेवाएं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र पर विपक्ष द्वारा राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री को प्रदेश सरकार ने तो नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता दी है, लेकिन उनका अपना दल ही उन्हें अपना नेता मानने से गुरेज कर रहा है। सर्वदलीय बैठक में उनके अपने दल के अधिकांश विधायक, लोकहित को ध्यान में रखते हुए शीतकालीन सत्र को रद्द करने की बात कर रहे थे, तो स्वार्थगत राजनीति साधने के लिए नेता प्रतिपक्ष सरकार को उकसाने और बेतुके आरोप लगाने में व्यस्त रहे। उन्होंने कहा कि सरकार अभी कोई ़फैसला लेती है और बाद में लोकहित को ध्यान में रखते हुए उसे स्थगित या रद्द करती है, तो ऐसे में नेता प्रतिपक्ष द्वारा सियायत करना किसी को रास नहीं आ सकता।
वह भूल रहे हैं कि वह एक ऐसी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका विगत में रहा आलीशान भवन अब खंडहर हो चुका है और जिसके खिडक़ी-दरवाजे दीमक निगल गई है। नेता प्रतिपक्ष की अपने दल में पूछ और उपयोगिता तो इसी तथ्य से ज़ाहिर होती है कि कांगड़ा में जीएस बाली के घर में आयोजित बैठक में वह अनुपस्थित थे, जबकि प्रदेशाध्यक्ष सहित कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेता वहां उपस्थित थे। वहीं धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र को रद्द करने का निर्णय जनहित में है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने प्रदेश में कोविड-19 महामारी से निपटने के उदेश्य से सुरक्षा अभियान शुरू किया है, जिससे हिमाचल की जनता को बहुत बड़ा लाभ हो रहा है। प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जो घर-घर जाकर टेस्टिंग कर कोविड की रोकथाम के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठा रहा है।