शिव महापुराण

By: Jan 23rd, 2021 12:12 am

पुरातन काल की कथा है कि भगवान श्रीवेदव्यास जी महाराज के शिष्य एवं परम  पौराणिक श्रीसूतजी महाराज श्री गंगाजी और कालिंदी के संगम स्थल पर श्रीशंकर भगवान की नगरी में त्रिभुवनपति श्रीशिवजी की घोर तपस्या में लीन थे। उसी समय वहां पर महर्षि शौनकजी अपने साथ अनेक ऋषियों सहित पधारे। वे श्रीसूतजी महाराज को शिवकी उपासना में मग्न देखकर अपने हृदय में अत्यंत प्रसन्न हुए और हाथ जोड़कर श्रीसूतजी से प्रार्थना करने लगे कि हे प्रभु! दीनानाथ आप हमारी भव बाधा दूर करो।

हमारे अज्ञान का नाश करते हुए ज्ञान के चक्षुओं को खोलो। हमारा हृदय बहुत बड़े संशय से घिर गया है। हे ज्ञानेश! आगे कलियुग आ रहा है, जो घोर संकट का समय है। इस कलियुग रूपी अज्ञान से हमें मुक्ति का मार्ग बतलाइए। हम सभी ऋषिगण आपके चरणों के दर्शन करने के लिए आए हैं। सौभाग्यवश आपके दर्शनों को प्राप्त कर हम सुख का अनुभव करते हैं। हे मुनिश्वर इस समय अत्यंत भयंकर पाप युक्त समय आ गया है और आगे भी इससे भयंकर समय आने वाला है। हमें ऐसा जान पड़ता है कि कलिकाल में जीव घोर पापी हो जाएगा। जीव अपने हृदय में सत्य सनातन धर्म को छोड़कर अधर्म करने लगेगा। वैदिक धर्मानुसार न चलकर निंदित कार्य करके निंदा का पात्र बन जाएगा।

प्राणी असत्यवादी धन के लोलुप, सत्कर्म रहित पाप कर्मों को करने लगेगा और कलियुग के प्रभाव वश आदमी जाति कर्मों को छोड़कर जप, तप, तीर्थ इत्यादि को भुलाकर केवल पाखंड करने लगेगा।

उनसे यम, नियम तथा संयम कुछ भी न हो सकेगा। अज्ञानुसार होकर इंद्रियों के दास बनकर व्यभिचार आदि कुकर्मों में पड़कर पापमय जीवन व्यतीत करने लगेगा। सत्य को त्यागकर धर्म को छोड़कर असत्य को ग्रहण करने करेंगे। सारी वर्ण व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएगी। ब्राह्मण अपने कर्मों को छोड़कर क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्रों के कर्मों को करने लगेंगे, इसी प्रकार क्षत्रिय, वैश्य भी अपने कर्मों को छोड़कर अपने जाति कर्त्तव्य भुला देंगे।

ब्राह्मण वैश्य, क्षत्रिय ब्राह्मण, शूद्र वैश्य, ब्राह्मण क्षत्रिय बनने का दावा करेंगे। कहने का तात्पर्य यह है कि सभी वर्ण अपने जातिय कर्मों से विमुख होकर अधर्म आचरण को अपना लेंगे और घोर पाप कमाने लगेंगे। देव गुरु क्रोध और अहंकार में फंस कर इस पाप रूपी अथाह सागर में डूब जाएंगे।

शूद्र यज्ञोपवीत धारण करेंगे और ब्राह्मण कहलाएंगे। इस प्रकार पाप ताप से पीडि़त होकर अपनी आयु को कम कर लेंगे। शूद्र मंदिरों में घुसने का प्रयत्न करेंगे। ब्राह्मण, वैश्य, मास, मदिरा का पान करने लगेंगे। क्षत्रिय वैश्यागामी, कुसंगी और भ्रष्टाचारी होंगे।       – क्रमशः


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App