ब्लड कैंसर-अन्य बीमारियों के इलाज के लिए बोनमैरो ट्रांसप्लांट से बेहतर उपचार
निजी संवाददाता — चंडीगढ़
उत्तरी भारत में ब्लड कैंसर तथा बोन-मैरो ट्रांस्पलांट द्वारा इलाज के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए पारस अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की टीम ने पत्रकारों के साथ बातचीत की। इस अवसर पर हैमोटोलॉजी के प्रमुख तथा डायरेक्टर डा. (बिग्रेडियर) डा. अजय शर्मा, मेडिकल ऑनकोलॉजी के डायरेक्टर डा. (बिग्रेडियर) राजेश्वर सिंह तथा मेडिकल ऑनकोलॉजी के कंस्लटैंट डा. दीपक सिंगला ने पत्रकारों को संबोधन किया। बोन-मैरो ट्रांस्पलांट के बारे जानकारी देते हुए डा. अजय शर्मा ने कहा कि यह बिना आप्रेशन किया जाना वाला इलाज है, जिसमें नकारा स्टैम सैलों को तंदरूस्त स्टैम सैलों के साथ तबदील कर दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि इस इलाज की सुविधा देश के कुल चुनिंदा अस्पतालों में ही है। उन्होंने बताया कि अमरीका तथा चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा बड़ा देश है, जहां हर वर्ष ब्लड कैंसर के 1.17 लाख नए केस सामने आते हैं। डा. अजय शर्मा ने बताया कि कुछ खास किस्म के कैंसर तथा अन्य बीमारियों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के साथ इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि अमरीका जैसे देश के बड़े शहरों में भी 2.3 स्वास्थ्य केंद्र हैंए जहां यह सुविधा है। इसकी तुलना में भारत जहां 5 गुणा से भी अधिक आबादी है, वाले देश में चुनिंदा अस्पताल हैंए जहां बोन.मैरो ट्रांस्प्लांट की सुविधा है। 125 करोड़ की आबादी के लिए बीएसटी माहिरों की गिनती और भी कम है। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ ट्राईसिटी में पारस अस्पताल पंचकूला पहला प्राइवेट अस्पताल हैए जिसने बीण्एसण्टीण् इलाज शुरू किया है।
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