बर्ड फ्लू… डरें नहीं, सतर्क रहें

By: Jan 16th, 2021 12:35 am

निजी संवाददाता- भोरंज

प्रदेश में बर्ड फ्लू कई जगह फैल चुका है। इसके साथ ही अफवाहों का दौर भी चल पड़ा है, जिसपर भोरंज उपमंडल पशु चिकित्सालय के डा. संजीव कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू या एवियन इनफ्लुएंजा एक जूनोटिक बीमारी है अर्थात जानवरों में बहुतायत में पाई जाती है। कभी-कभी इसका संक्रमण इनसानों में भी देखने को मिलता है। यह इनफ्लुएंजा वायरस का एक प्रकार है, जो पक्षियों में एक से दूसरे में हवा के जरिए फैलता है। संक्रमण की वजह से प्रभावित पक्षियों की नाक, गले और सांस नली में सूजन आ जाती है। सूजन की वजह से उन्हें सांस लेने में कठिनाई होती है और इससे उनकी मौत हो जाती है। कौआ, मुर्गी, प्रवासी पक्षी आदि इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। उन्होंने बताया कि इनफ्लुएंजा वायरस की सबसे बड़ी विकृति है कि इसमें दो तरह के परिवर्तन लगातार होते रहते हैं।

एक एंटीजनिक शिफ्ट, जिसके तहत एंटीजन की प्रकृति में बड़ा परिवर्तन होता है और दूसरा एंटीजनिक डिफ्ट जिसमें छोटे-छोटे प्रकार के म्यूटेशन (जीन में बदलाव) वायरस में लगातार होते रहते हैं। यही कारण है कि इनफ्लुएंजा में कोई भी वैक्सीन लंबे समय तक कारगर नहीं होती है। जब कोई पक्षी या पक्षियों का समूह एवियन इनफ्लुएंजा वायरस के संक्रमण से ग्रस्त होता है, तो उनके संपर्क में आने वाले इनसान तक यह वायरस पहुंच सकता है और उन्हें भी बीमार कर सकता है। बीमारी जितनी तेजी से पक्षियों में फैलती है वायरस में म्यूटेशन भी उतनी ही तेजी से होता है। बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने पर इनसानों को भी अलर्ट कर दिया जाता है, जिससे यह बीमारी इंसानों में न फैले।


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