विधायक प्राथमिकता योजनाएं लटकने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खफा

By: Jan 21st, 2021 12:08 am

अधिकारियों को कड़े निर्देश, समय पर तैयार करें डीपीआर

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायक प्राथमिकता योजनाओं के लटकने पर कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं कि इन योजनाओं की डीपीआर तय समय पर तैयार की जाए औरविधायक प्राथमिकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। सीएम ने कहा कि वे निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्हें संबंधित क्षेत्रों की विकासात्मक आवश्यकताओं और जन आकांक्षाओं की बेहतर जानकारी होती है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को योजना विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह महसूस किया गया है कि विधायक प्राथमिकताओं में अक्सर विलंब हो जाता है, क्योंकि संबंधित विभागों द्वारा समय पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार नहीं की जाती है।

 विधायकों को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप देते समय विश्वास में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे तैयार करने में विलंब के कारणों के बारे में भी उन्हें अवगत करवाया जाना चाहिए, ताकि इस दिशा में उचित कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि विधायकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर योजना के बारे में जिला स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे लीक से हटकर सोचें और अपने जिले में कम से कम एक विशेष योजना शुरू करें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने समूचे विश्व को प्रभावित किया है, जिसके लिए कोई तैयारी नहीं थी। उपायुक्तों को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट में शामिल करने के लिए अपने महत्त्वपूर्ण सुझाव देने चाहिए। राज्य में लागू होने वाली सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए। एफसीए और एफआरए स्वीकृतियों पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, क्योंकि इनके कारण कई बड़ी परियोजनाओं में विलंब हो जाता है।

 उन्होंने कहा कि विकासात्मक परियोजनाओं के निष्पादन में देरी की जांच के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि आरआईडीएफ-एक्सएक्सवीआई के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग में 500 करोड़ रुपए की 114 परियोजनाएं, जबकि जल शक्ति विभाग में 300 करोड़ रुपए की 137 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं को पूरा करने की अवधि 2020-21 से 2023-24 तक है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के अंतर्गत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को निर्धारित समय पर तैयार करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। योजना विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कुल योजना आकार अनुसूचित जाति उपयोजना और जनजातीय उपयोजना में निर्धारित अनुपात में संलग्न हो। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन और निगरानी संबंधित विभागों द्वारा प्रभावी आकलन के साथ की जानी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं और बजट आश्वासनों के कार्यान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। राज्य सरकार ने नाबार्ड और अन्य फंडिंग एजेंसियों को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र की सीमा बढ़ाकर 120 करोड़ रुपए, जबकि विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत आबंटन राशि को बढ़ाकर 1.75 करोड़ रुपए किया गया है।

राज्य योजना बोर्ड की बैठक 10 फरवरी को

राज्य योजना बोर्ड की वार्षिक बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में 10 फरवरी को हिमाचल प्रदेश सचिवालय के सभागार में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस बैठक में वार्षिक विकास बजट 2021-22 पर चर्चा, विचार-विमर्श एवं अनुमोदन प्राप्त किए जाएंगे। राज्य योजना बोर्ड के सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी सदस्य भी इस बैठक में भाग लेंगे।


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