डाक्टर दंपति ने मरीज को दिया इंसुलिन पंप
खेमराज शर्मा-शिमला
सोलन जिला की आठवीं कक्षा में पढऩे वाली छात्रा के लिए आईजीएमसी के डाक्टर मसीहा बनकर सामने आए हैं। आईजीएमसी के डॉक्टर दंपति ने छात्रा को इंसुलिन पंप दिया है। छात्रा को शुगर इतनी ज्यादा दिक्कत है कि उसे दिन में पांच बार इंजेक्शन लगाने के बाद ही कंट्रोल आती है। कई बार तो स्कूल में इतनी दिक्कत बढ़ जाती है कि मां को इंजेक्शन लेकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। परिजन को बेटी की काफी चिंता सताने लगी थी। उन्होंने मेडिसिन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर जितेंद्र मोक्टा को अपनी समस्या बताई। परिजनों की हालत देखकर डाक्टर मोक्टा और उनकी पत्नी माइक्रोबायोलॉजी की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. किरण मोक्टा ने 2.30 लाख रुपए खर्च करके बेटी को इंसुलिन पंप दिया। अब न तो उसके शरीर में इंसुलिन कम होगा और न ही बार-बार इंजेक्शन लगाने की जरूरत रहेगी। मंगलवार को डाक्टर जितेंद्र मोक्टा और डा. किरण मोक्टा ने परिजनों को पंप के लिए 2.30 लाख रुपए का चेक भेंट किया। आईजीएमसी में कार्यरत बेटी के मामा भीम सिंह ने बताया कि उन्हें डा. जितेंद्र और डा. किरण ने उनकी और उनकी बहन की चिंता खत्म कर दी है। अकसर स्कूल में उनकी भांजी की इंसुलिन खत्म हो जाती थी, तो उनकी बहन को तुरंत इंजेक्शन लेकर स्कूल पहुंचना पड़ता था। हालांकि सुबह वह इंजेक्शन लगाकर स्कूल जाती थी और शाम को भी इंजेक्शन दिया जाता था। मगर कई बार दिन में पांच इंजेक्शन लगाने पड़ते थे, मगर अब उन्हें इंसुलिन पंप मिल गया है, इससे उन्हें दिक्कत नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि उनके बहनोई 2010 में कारगिल में हुए एक ब्लॉस्ट में शहीद हो चुके हैं। ऐसे में परिवार की हालत इतनी बेहतर नहीं है। बेटी के लिए वह इतना महंगा इंजेक्शन नहीं खरीद सकते थे।…(एचडीएम)