यह ड्रा नहीं…जीत हमारी; इंडिया के घायल शेरों ने कंगारुओं को दिया कभी न भूलने वाला ‘पेन’

By: Jan 12th, 2021 12:08 am

सिडनी में टीम इंडिया के घायल शेरों ने कंगारूआें को दिया कभी न भूलने वाला ‘पेन’

सिडनी। ऋषभ पंत (97), चेतेश्वर पुजारा (77), रविचंद्रन अश्विन (नाबाद 39) और हनुमा विहारी (नाबाद 23) के अदम्य साहस और जबरदस्त संघर्ष क्षमता से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा क्रिकेट टेस्ट पांचवें और अंतिम दिन सोमवार को ड्रा करा लिया। भारत ने तीसरे टेस्ट में आस्ट्रेलिया के मंसूबों पर पानी फेर दिया। सोमवार सुबह जब पांचवें दिन का खेल शुरू हुआ, तो अधिकतर फैंस को इस नतीजे की उम्मीद नहीं थी। उन्हें लगा था कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे भारतीय बल्लेबाज भले ही थोड़ी फाइट दें, मगर आखिरकार आउट हो जाएंगे। जब चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत ने पहला सेशन निकाल लिया, तो थोड़ी हिम्मत बढ़ी।

 दूसरे सेशन में जब वे दोनों आउट हो गए तो लगा कि अब खेल खत्म। मगर फिर चोट से जूझ रहे हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने जो किया, वो अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। दोनों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को पस्त करते हुए एक भी विकेट और गिरने नहीं दिया। भारत ने पांच चोटिल खिलाडि़यों के साथ यह मैच ड्रा करा लिया जो किसी जीत से कम नहीं है। चार मैचों की सीरीज एक-एक से बराबरी पर है और दोनों देशों के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का फैसला अब 15 जनवरी से ब्रिस्बेन में होने वाले आखिरी टेस्ट से होगा। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में तीसरे टेस्ट में भारत के सामने जीत के लिए 407 का बेहद मुश्किल लक्ष्य रखा था और भारत ने रविववार के दो विकेट पर 98 रन से आगे खेलते हुए मैच ड्रा समाप्त होने तक पांच विकेट पर 334 रन बनाए।

स्टार्क और कमिंस व हेजलवुड दूसरी पारी आग उगलती बाउंसर डालते रहे, जिनमें से एक बॉल रविचंद्रनअश्विन की कमर में लगी। पहले ही उनकी कमर में दर्द थी, इस गेंद के बाद वह दर्द से कराहते दिखे। इसके बाद भी आस्ट्रेलियाई गेंदबाज उन्हें शॉर्ट बॉल फेंकते रहे, लेकिन अश्विन का जज्बा तो देखिए कि वह उनका डटकर सामना करते गए। दर्द में रहने के बावजूद उन्होंने अकेले 21 ओवर आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की आग उगलती गेंदों का डट कर सामना किया।

भारतीय टीम की पहली पारी में ऋषभ पंत को बैटिंग के दौरान पैट कमिंस का बाउंसर कोहनी पर लगा। वह दर्द से कराह रहे थे। इसके बावजूद वह सोमवार को बैटिंग करते रहे। इस दौरान उन्हें पेन किलिंग स्प्रे दिया गया था। एल्बो बैंडेज भी लगाया गया और मैदान पर डटे रहे। इससे हैरानी वाली बात तो यह रही कि रविवार और सोमवार सुबह कोहनी बेतहाशा दर्द के बाद भी उन्होंने प्रैक्टिस की, जिसका सबूत उन्होंने 97 रन की तेजतर्रार पारी खेल दिया।

भारत की दूसरी पारी में बैटिंग के दौरान हनुमा विहारी के हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आ गया। फीजियो भी बुलाए गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दर्द के साथ बल्लेबाजी करते रहे। उन्होंने दौड़ने में भी परेशानी हो रही थी। सोमवार को खेले गए 97 में से 27 ओवर वह मैदान पर गेंदबाजों का सामना करते रहे। विहारी ने 161 गेंद पर 23 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 14.28 का रहा। इससे पहले टीम में आलराउंडर हनुमा विहारी की जगह पर सवाल उठ रहे थे। मैच में कप्तान अंजिक्या रहाणे ने भी इस पारी को शतकीय पारी के बराबर बताया।

पहली पारी में रविंद्र जडेजा का अंगूठा टूट गया, लेकिन  उन्होंने सोमवार को टूटे अंगूठे के साथ पैड और ग्लव्स पहन लिए, हालांकि, उनकी बैटिंग नहीं आई। उनकी चोट का आलम यह था कि उनसे केले के छिलके तक उतारे नहीं जा रहे थे, लेकिन उन्होंने बैटिंग को उतरने का, जो फैसला लिया, वो हमेशा याद रहेगा। सोमवार को मैच के बीच ड्रैसिंग रूम में जब कैमरा घुमाया गया तो ग्लव्ज और पैड पहनकर बल्लेबाजी को तैयार बैठे जडेजा को नवदीप सैणी केले खिलाते नजर आए।


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