पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा भी वोटर लिस्ट से गायब, पिछले विधानसभा व पंचायती राज चुनावों में रक्कड़ में किया था मतदान

पिछले विधानसभा व पंचायती राज चुनावों में रक्कड़ में किया था मतदान, पर अब नाम ही नहीं
दिव्य हिमाचल ब्यूरो—धर्मशाला
पंचायत चुनावों के लिए तैयार की गई मतदाता सूचियों ने सबको हैरत में डाला है। अब चौंकाने वाला नया मामला आया है। धर्मशाला की रक्कड़ पंचायत में रहने वाले पूर्व मंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा का नाम ही मतदाता सूची से गायब हो गया है। ऐसे में विपक्ष को बैठे बिठाए बड़ा सियासी मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस नेता सरकार पर पंचायत चुनावों को हाईजैक करने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने अब न्यायलय में जाने का भी मन बना लिया है। सुधीर शर्मा ने कहा की हिमाचल प्रदेश में हो रहे पंचायती राज चुनाव में मतदाता सूचियों में भारी धांधली देखने को मिली है।
प्रदेश चुनाव आयोग और राष्ट्रीय चुनाव आयोग की सूचियों में भारी अंतर है। लगभग हर पंचायत से सैकड़ों मतदाता सूची से गायब हैं। हर पंचायत से करीब 50 से लेकर 250 वोट तक मतदाता सूची में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हास्यस्पद बात यह है कि जिन लोगों ने पिछले पंचायत और विधानसभा चुनाव में मतदान किया है और जिनके वोटर कार्ड भी बने हुए हैं, वे भी मतदाता सूची से गायब हैं। पूर्व मंत्री का कहना है कि सोची-समझी साजि़श के तहत कुछ लोगों के नामों को काट दिया गया है। अधिकांश मतदाता वह हैं, जो कांग्रेस की विचारधारा से हैं। उन्होंने कहा कि जब इस प्रकार की लापरवाही या साजिश मुझ जैसे व्यक्ति के साथ हो सकती है, तो सामान्य व्यक्ति कैसा महसूस कर रहा होगा और अपनी फरियाद लेकर कहां जा पाएगा।
उच्च न्यायालय में दायर करेंगे याचिका
सुधीर शर्मा का कहना है कि उन्होंने अब निर्णय लिया है कि वह उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर प्रदेश चुनाव आयोग से सवाल उठाएंगे कि विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची पिछले पंचायती राज चुनावों की मतदाता सूची और अबकी बार जो पंचायतीराज के चुनाव हो रहे हैं, उस सूची में इतना बड़ा अंतर क्यों है। प्रदेश के हजारों मतदाता मतदान करने से क्यों वंचित कर दिए गए और अगर इसी प्रकार छल कपट से प्रदेश सरकार पंचायती राज चुनावों को हाईजैक करना चाहती है, तो चुनाव करवाने का औचित्य क्या है। इतने बड़े स्तर की धांधली और वह भी पंचायत चुनावों में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।