* गद्दी समुदाय के पाले जाने वाले श्वान का होगा संरक्षण
* कृषि विश्वविद्यालय ने की अनूठी पहल
पालमपुर। विलुप्ता के मुहाने पर जा पहुंचे हिमाचली श्वान (गद्दी समुदाय द्वारा पाले जाने वाले श्वान) के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए वैज्ञानिक पहल की जाएगी। पहली बार इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। हिमाचल की इस प्रजाति के विशुद्ध श्रेणी को संरक्षित करने के लिए वैज्ञानिक आधार पर काम आरंभ किया जा रहा है। इस हेतु कृषि विश्वविद्यालय ने पहल की है। कृषि विश्वविद्यालय में इस हेतु आधारभूत संरचना को विकसित किया जा रहा है तथा इसके साथ ही वैज्ञानिक आधार पर इसकी ब्रीङिंग का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के लाइवस्टॉक फार्म कांप्लेक्स के अंतर्गत टीम इस प्रजाति के श्वान के फेनोटाइपिक तथा मॉलीक्यूलर विशेषताओं पर अध्ययन करेगी, ताकि इस शोध के आधार पर इस प्रजाति की फेनोटाइपिक तथा मॉलीक्यूलर विशेषताओं को सहेजा जा सके। गद्दी समुदाय के घुमंतू भेड़ पालकों द्वारा इस प्रजाति को पाले जाने के कारण इसे इसी समुदाय के नाम से इसे पहचान मिली है। वही तेंदुआ जैसे वन्य प्राणी से लड़ने की क्षमता रखने के कारण ही इसे इंडियन पैंथर हाउंड के नाम से भी जाना जाता है।
ये हैं हिमालयी क्षेत्र की प्रमुख प्रजातियां
रिपोर्टः जयदीप रिहान, पालमपुर
मन की बात में पीएम ने की चर्चा
30 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में हिमाचली श्वान की इस प्रजाति के बारे में चर्चा की थी तथा लोगों से स्वदेशी प्रजाति के श्वानों को प्रमुखता से पालने का आग्रह भी किया था। घुमंतू जीवन शैली के घटते ट्रेंड के चलते हिमाचली श्वान की संख्या भी कम हो रही है। स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि पश्चिमी हिमालय के कुछेक क्षेत्रों में इसकी विशुद्ध नस्ल अब लगभग विलुप्त हो चुकी है।
सेब-प्लम और आड़ू के बूटे हुए महंगे, कीवी के दाम हुए कम
प्रदेश में सर्द ऋतु में उगाए जाने वाले फलदार पौधे बिकने लगे हैं। इस बार कई पौधों के दाम बढ़े हैं,तो कइयों के दामों में कमी आई है। प्रदेश में सर्द ऋतु में उगाए जाने वाले फलदार पौधों में इस बार कीवी पौधे सस्ते हुए हैं, जबकि सेब प्लम और आडू के दाम बढ़े हैं। अपनी माटी टीम ने इन दामों को खंगालने के लिए हमीरपुर ब्लॉक का दौरा किया। इस ब्लॉक में सेब, आडू व प्लम के सैकड़ों पौधे पहुंचे हैं। विभाग में सेब, आडू व प्लम के पौधों में जहां 10 से 15 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। वहीं कीवी के पौधों के रेट में 30 रुपए की कमी आई है। बागबान अपनी डिमांड के मुताबिक पौधे खरीद सकते हैं। हमीरपुर जिला मुख्यालय स्थित डांगक्वाली में उद्यान विभाग के सेल सेंटर में ये पौधे मिल रहे हैं। यहां प्लम और आडू का पौधा भी 55-55 रुपए में बिक रहे हैं। कीवी के पौधे भी जल्द ही पहुंचे वाले हैं। 100 रुपए के हिसाब से बिकने वाला कीवी का पौधा इस बार 70 रुपए तक रहा है।
रिपोर्टः कार्यालय संवाददाता, हमीरपुर
इन किसानों को मिली खाद
नाहन । सिरमौर जिला के किसानों को खाद की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध करवा दी गई है। जिला के सभी क्षेत्रों में किसानों की मांग के अनुरूप जिला प्रशासन ने हिमफेड व इफ्को को संपर्क कर जिला सिरमौर के सभी खंड स्तर के गोदामों में खाद की पर्याप्त खेप पहुंचा दी है। ‘दिव्य हिमाचल’ ने किसानों को जिला के कुछ हिस्सों में खाद न मिलने को लेकर समाचार प्रकाशित किया था। उपायुक्त सिरमौर डा. आरके परुथी ने बताया कि जिला में हिमफेड के अंतर्गत गिरिपुल में 1723 बैग, धामला में 1420, सराहां में 1805, टिंबी में 2982, जमटा में 180, संगड़ाह में 58 और पांवटा साहिब में 300 बैग उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त इफ्को के अंतर्गत पांवटा में 760 बैग यूरिया उपलब्ध है।
इस योजना ने मंडी के किसानों को कर दिया मालामाल
भुंतर में आलू के दाम घटे, 45 रुपए में बिकने वाली फसल अब मार्केट में 15 रुपए किलो
सिरमौर और कांगड़ा में अब भी बांस की टोकरियां दे रहीं रोजगार
हिमाचल में आज से 15 साल पहले बांस की टोकरियों और किलटों का खूब क्रेज था। वक्त के साथ सब खत्म हो गया,लेकिन कुछ इलाकों में अब भी यह परंपरा कायम है
रिपोर्टः निजी संवाददाता, नौहराधार
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