संभावनाओं का मतलब

By: Jan 16th, 2021 12:20 am

सद्गुरु  जग्गी वासुदेव

जीवन को देखने का ये पूरी तरह से एक अलग स्तर है। आपमें ये योग्यता होनी चाहिए कि आप कुछ ऐसा देखें, जो दूसरे लोग न देख सकते हों। आपको ये देखना भी जरूरी है कि आप अभी जो कुछ भी हैं, क्या उसे छोड़ देने की योग्यता आपमें है। चाहे एक व्यक्ति के रूप में या फिर एक संगठन, एक संस्था के रूप में…

जब एक बार हमने नया जन्म लेने का निर्णय कर लिया हो, किसी चीज को पूरी तरह से खत्म कर के कुछ ताजा, कुछ नया बनाने का निर्णय, तो इसमें बहुत सारी संभावनाएं खुलेंगी। बहुत सारी संभावनाओं का मतलब ही है भारी मुश्किल का काम। उनमें से किसी एक ऐसी संभावना की पहचान करना जिसके साथ आप आगे बढ़ना चाहें भी अपने आपमें एक कसरत है। अब समस्या ये है कि लोग किसी चीज में पहले कूद जाते हैं और फिर अपना दिमाग लगाते हैं। नहीं, ऐसा न करें। किसी चीज में कूदने से पहले आपको उसे ध्यान से देखना चाहिए, क्योंकि एक बार कूद जाने के बाद, आगे बढ़ने के बाद, पीछे मुड़ कर देखना ठीक नहीं है। अगर आप लगातार पीछे देख कर अपने निर्णय कर रहे हैं, तो आगे जाने का ये सही तरीका नहीं है। जब आप कारोबार के बारे में बात करते हैं और उसमें कोई चीज असफल हो गई हो, तो उसे छोड़ देना आसान भी है और बहुत जरूरी भी, जिसे टाला नहीं जा सकता। ये हमेशा होगा। पर किसी सफल चीज को छोड़ कर, उसमें से कुछ नया बनाना हो, तो आपमें दूरदृष्टि, साहस और एक खास स्तर का पागलपन होना जरूरी है।

जीवन को देखने का ये पूरी तरह से एक अलग स्तर है। आपमें ये योग्यता होनी चाहिए कि आप कुछ ऐसा देखें, जो दूसरे लोग न देख सकते हों। आपको ये देखना भी जरूरी है कि आप अभी जो कुछ भी हैं, क्या उसे छोड़ देने की योग्यता आपमें है। चाहे एक व्यक्ति के रूप में या फिर एक संगठन, एक संस्था के रूप में? और ये भी कि क्या आप पूरी तरह से चीज को खत्म करना और फिर नई शुरुआत करना चाहते हैं या आप थोड़ा ही खत्म कर के इसे नया बनाएंगे। ये वो निर्णय है, जो परिस्थिति की वास्तविकता को जान-समझ कर, आपको उसी समय पर करना होगा। अगर आप अभी जन्मे हो, तो इसका मतलब होगा कि किसी भी चीज के बारे में आपका कोई निष्कर्ष नहीं है। आप हर चीज को इस तरह देखने के लिए तैयार हो जैसे कि आप बस अभी ही जन्मे हो। अगर आप ये करते हैं तो आप अपने जीवन में से आराम से गुजरेंगे, आप पर कोई प्रभाव नहीं होगा। एक बच्चा भी कुछ ही दिनों में सोचने लगता है कि वो सब कुछ जानता है। जब आपको ऐसा लगता है कि आप सब कुछ जानते हैं, तो आप गलतियां करने लगते हैं, लड़खड़ाने लगते हैं। अगर जीवन के हर पल में आप जीवन को ऐसे देखें कि जैसे आप अभी ही जन्मे हैं, तो आपको सब कुछ स्पष्ट, साफ  दिखेगा।

जब आप चीजों को साफ.-साफ  देखते हैं, तो आप परिस्थितियों में से आराम से निकल जाते हैं। अगर आप जीवन को उसी तरह से देख पा रहे हैं जैसा कि वो है, तो आपके पास जीवन को अच्छी तरह से चलाने की बुद्धिमता है। अगर आप इसको उस तरह से नहीं देख पा रहे जैसा कि वो है, तो आपकी बुद्धिमता आपके खिलाफ  काम करेगी। जीवन की प्रक्रिया बहुत आसान है। जन्म लेना आपका काम नहीं है, ये आपके लिए कोई और करता है।


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