तीन माह में 20 फीसदी महंगा हुआ अखबारी कागज, प्रोत्साहन पैकेज की उठाई मांग

प्रकाशकों ने की पांच फीसदी सीमा शुल्क हटाने की मांग
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली
कोरोना महामारी के दौरान मांग-आपूर्ति में असंतुलन से पिछले तीन माह में अखबारी कागज (न्यूजप्रिंट) का दाम 20 प्रतिशत बढ़ गया है। इसके चलते समाचारपत्र प्रकाशकों ने सरकार से न्यूजप्रिंट पर पांच प्रतिशत का आयात शुल्क हटाने की मांग की है। पहली फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2021-22 प्रस्तुत करेंगी।
गौरतलब है कि इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने बजट से पहले वित्त मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें इस उद्योग को रहात पहुंचाने की मांग की गई है। इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) के अध्यक्ष एल आदिमूलम ने कहा कि महामारी से उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में ज्यादातर समाचारपत्रों ने उन ग्रामीण क्षेत्रों में अखबार भेजना बंद कर दिया है, जहां 50 से कम प्रतियां जाती हैं। वितरण की लागत घटाने के लिए समाचारपत्रों ने यह कदम उठाया है।
बजट से पहले वित्त मंत्री को सौंपा ज्ञापन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट से पहले सौंपे ज्ञापन में आईएनएस ने अखबारी कागज के आयात पर सीमा शुल्क कटौती का सुझाव दिया है। इसके अलावा आईएनएस ने भारत के लिए समाचारपत्र पंजीयक (आरएनआई) की प्रसार प्रमाणपत्र वैधता का विस्तार 31 मार्च, 2022 तक करने की मांग की है ताकि डीएवीपी की दरें अगले साल तक समान रहें।
प्रोत्साहन पैकेज की उठाई मांग
ज्ञापन में कहा गया कि या तो उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए या कम से कम प्रकाशनों को 50 प्रतिशत बढ़े शुल्क के साथ विज्ञापन जारी कर मदद की जाए। ज्ञापन में कहा गया कि यदि प्रिंट मीडिया के लिए इस समय प्रोत्साहन पैकेज लाना संभव नहीं हो, तो विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) को अपने सभी विभागों के विज्ञापन 50 प्रतिशत के बढ़े शुल्क के साथ जारी करने पर विचार करना चाहिए। इससे उद्योग को काफी मदद मिलेगी।