धमेटा रेंज में नहीं मिला कोई मृत पक्षी

पौंग झील में बर्ड फ्लू से मरने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या में आई कमी

निजी संवाददाता—नगरोटा सूरियां

पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की मरने की संख्या में पिछले तीन दिनों से कमी आ चुकी है।  धमेटा रेंज में पिछले तीन दिनों से कोई भी प्रवासी पक्षी विभाग को मरा हुआ नहीं मिला है। केवल नगरोटा सूरियां तथा जवाली के आसपास ही अब बर्ड फ्लू के कारण पक्षी कुल मरे हुए मिल रहे हैं। अब तक प्रवासी पक्षियों की मरने की संख्या पिछले कई दिनों से 4960 हुई है। गुरुवार को केवल सात प्रवासी पक्षी ही पौंग झील में मरे हुए मिले। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक 90 प्रतिशत वार हेडिंग गीज नामक  प्रजाति का पक्षी बर्ड फ्लू  के कारण मरा है। यह जानकारी वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ राहुल रूहाने ने दी।

उन्होंने बताया कि 31 जनवरी तक पौंग झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों की गणना होगी। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 100 से अधिक प्रजातियों के करीब 70000 प्रवासी पक्षी ही झील में पहुंचे हैं। डीएफओ ने बताया कि झील में जब से बर्ड फ्लू का पता चला है विभाग की दस टीमें  लगातार झील में कार्य कर रही हैं और जो भी मरे हुए पक्षी मिल रहे हैं।  उन्हें जलाया या फिर गड्ढे में दबा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि अभी तक झील में पूरे तरीके से प्रतिबंध लगा हुआ है। किसी प्रकार की कोई भी गतिविधि यहां पर नहीं की जा सकती।

जैसे ही सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाने के आदेश होंगे और बर्ड फ्लू पर पूरे तरीके से रोकथाम हो जाएगी प्रतिबंध हट जाएगा। उधर झील बंद होने के कारण सबसे अधिक परेशान झील में काम करने वाले मछुआरे हैं। उन्हें रोजी-रोटी के लाले पड़ चुके हैं, उन्हें सबसे अधिक नुकसान हुआ है। उधर जो लोग चिकन, अंडा इत्यादि तथा मछली फ्राई इत्यादि का काम करते थे इस प्रतिबंध के कारण बहुत ही परेशान हैं। और पिछले 23 दिनों से उनकी दुकानें बंद हैं।