धर्मांतरण के विरुद्ध उठी आवाज

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-रिकांगपिओ

जनजातीय सुरक्षा मंच किन्नौर के जिला संयोजक चंद्रकीर्ति नेगी की अध्यक्षता में उपायुक्त किन्नौर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि यदि कोई जनजातीय क्षेत्र का व्यक्ति धर्मांतरित होता है तो उस व्यक्ति के  जनजातीय आरक्षण को ही समाप्त किया जाए ताकि जनजातीय लोगों के साथ हो रहे अन्याय को रोका जा सके। जनजातीय सुरक्षा मंच किन्नौर के जिला संयोजक चंद्रकीर्ति नेगी की अध्यक्षता में प्रतिनिधि मंडल द्वारा दिए गए ज्ञापन में यह भी कहा कि इस से पूर्व भी धर्मांतरित  जनजातियों को सरकारी सुविधाएं दिए जाने के विरुद्ध बिहार राज्य के जनजातीय नेता एवं लोकसभा सदस्य केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने 1970 में एक आवेदन दिया था मगर आज पूरे 50 वर्ष हो चुके हैं लेकिन जनजातियों के हित में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि  इस तरह से जनजातियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ जनजातीय सुरक्षा मंच कई वर्षो से संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जनमत संग्रह करने हेतु  जनजातीय सुरक्षा मंच ने 2015 में एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था जिस में देश भर के 18 वर्ष से ऊपर आयु वाले लाखों जनजातीय लोगों ने हस्ताक्षर कर इस का विरोध किया था। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री जी से इस पूरे  मामले पर संज्ञान लेते हुए जनजातियों के  हितों को सुरक्षित किए जाने बारे आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाने की मांग की है।