सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत: घर खरीददार पर एकतरफा शर्तें नहीं थोप सकता बिल्डर

फ्लैट खरीदने जा रहे लोगों को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली
अगर आप भी घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आपके लिए बेहद अहम खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि घर खरीदार एक तरफा शर्त मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि एग्रीमेंट की एकतरफा शर्त को मानने के लिए बिल्डर किसी भी घर खरीदार को बाध्य नहीं कर सकता है। यानी घर खरीदारों पर एक तरफा शर्तों को थोपा नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत अपार्टमेंट बायर्स एग्रीमेंट की शर्त का एकतरफा और गैर वाजिब होना अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार दिया है।
एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर बिल्डर ने प्रोजेक्ट को समय से पूरा कर के डिलीवरी नहीं की, तो बिना किसी बहस के उसे घर खरीदार को पूरे पैसे वापस देने होंगे। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार ये पैसे नौ फीसदी ब्याज के साथ लौटाने होंगे। यह सुनवाई गुरुग्राम के प्रोजेक्ट को लेकर की जा रही थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने यह अहम फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिल्डर के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि अगर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होता है, तो घर खरीदार को पूरी राशि (इस मामले में एक करोड़ 60 लाख रुपए) 12 फीसदी ब्याज के साथ चुकानी पड़ेगी। यह सुनवाई डिवेलपर की याचिका पर हो रही थी, जो उसने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। मामले में बिल्डर ने घर खरीदार को ऑफर दिया था कि वह दूसरे प्रोजेक्ट में घर ले ले, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घर खरीदार की मर्जी पर निर्भर करता है। वह बिल्डर की बात मानने के लिए बाध्य नहीं है। इसे उपभोक्ता कानून 1986 के तहत गलत बताया गया और इस तरह की शर्त को एग्रीमेंट में डालने को धारा 2 (1) (आर) के खिलाफ बताया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि घर खरीदार रेरा के साथ-साथ उपभोक्ता अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकता है।