लोहड़ी पर मां को अकेला छोड़ गया बेटा

सड़क हादसे में मारे गए विनोद के कंधों पर थी परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी, अस्पताल पहुंचा देते आरोपी तो शायद बच जाती जान

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—बिलासपुर

बुधवार देर रात बिलासपुर बस अड्डा के पास हुए सड़क हादसे में काल का ग्रास बना विनोद अपने पीछे अपनी बुढ़ी मां को अकेला छोड़ गया है। मां के भरण पोषण का पूरा जिम्मा विनोद के कंधों पर था। वह अपनी मां के बुढ़ापे की लाठी थी। जो बुधवार को लोहड़ी पर्व पर टूट गई। मां बेटे का रात्रि भोजन इंतजार करती रह गई और उसे क्या पता था कि उसकी आंखों का तारा हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह चुका है। विनोद के जाने के बाद अब उसकी बूढ़ी मां पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। क्योंकि, विनोद उसका इकलौता बेटा था। जबकि, विनोद के पिता की मृत्यु पहले हो चुकी है। जिसके चलते घर के पालन पोषण की सारी जिम्मेदारी विनोद पर थी और अभी तक विनोद की शादी भी नहीं हुई थी। मां ने अपने बेटे की शादी के अरमान सजा रखते थे, जो अब विनोद के इस तरह से जाने के बाद टूट कर बिखर गए। यदि टक्कर मारने वाले आरोपी घायल विनोद को सीधे अस्पताल ले जाते, तो शायद विनोद की जान बच जाती और बूढ़ी मां के कलेजे का टुकड़ा भी मां से दूर न होता। लेकिन, आरोपी विनोद को अस्पताल ले जाने के बजाय बंदला की ओर ले गए और उसे रास्ते में सड़क किनारे फेंक दिया। अब कितनी देर तक घायल विनोद की सांसें चलती रहीं और कब उसने दब तोड़ा इसके बारे में सही जानकारी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा। लेकिन, आरोपियों के इस कृत्य से इनसानियत भी शर्मसार हुई है। वहीं, आरोपियों ने घायल विनोद को अस्पताल न पहुंचाकर अपने लिए एक बड़ी मुसीबत मोल ले ली है।

क्या नशे में थे आरोपी

इस हादसे को लेकर एक सवाल खड़ा हो गया है कि क्या आरोपियों ने कोई नशा कर रखा था जो इतनी तेज रफ्तार गाड़ी चला रहे थे। बस अड्डा के पास नेशनल हाई-वे पर जब आरोपियों ने विनोद को टक्कर मारी, तो गाड़ी का शीशा टूटने के साथ बोनट भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे साफ है कि आरोपियों ने काफी तेज रफ्तार से गाड़ी दौड़ा रखी थी। यह भी बताया जा रहा है कि दोनों ने कोई नशा भी कर रखा था। पुलिस इनसे हादसे के बारे में कड़ी पूछताछ कर रही है।

आरोपी ने बंद कर दिया था फोन

जब देर रात पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी, तो काफी मशक्कत के बाद पुलिस मामले के मुख्य आरोपी तक पहुंच गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रकाश को फोन किया, तो वह कुछ देर आनाकानी करता रहा और उसके बाद उसने अपना फोन बंद कर दिया। पुलिस ने उसके घर के आसपास उसे ढूंढने की कोशिश की, क्योंकि फोन बंद होने से पहले उसकी लोकेशन सुंगल यानि उसके घर के पास ही थी। सुबह के समय जैसे ही प्रकाश अपने घर आया, तो वहां तैनात पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

एएसपी और पुलिस टीम ने दिखाई सतर्कता

चांदपुर के तलवाड़ गांव के रहने वाले विनोद की मौत मामले में बिलासपुर पुलिस ने काफी मेहनत व सतर्कता से काम किया। जिसके चलते सुबह होने तक दोनों आरोपी पुलिस की हिरासत में थे। मामले को सुलझाने में एएसपी अमित शर्मा व सदर थाना प्रभारी यशवंत ठाकुर की काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। दोनों पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर मामले की कड़ी छानबीन की और एक-एक पहलू पर सतर्कता से कार्य करते हुए सुबह होने तक पूरा मामला सुलझा लिया।