कौन रखे पंचायत चुनाव खर्च का हिसाब

By: Jan 15th, 2021 12:01 am

न प्रेक्षक और न ही सर्विलांस टीमें, कई जगह पानी की तरह बहाया जा रहा पैसा

स्टाफ रिपोर्टर—गगरेट

ग्रामीण संसद के चयन के लिए हो रहे पंचायत चुनाव में बेशक चुनाव आयोग द्वारा प्रचार पर खर्च की जाने वाली राशि की अधिकतम सीमा तय की हो, लेकिन यह सिर्फ और सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाने जैसा ही है। असल में पंचायत चुनाव में वह नफरी तैनात ही नहीं की गई है, जो प्रत्याशियों द्वारा खर्च की जा रही राशि का हिसाब-किताब रख सके। न तो पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के प्रचार पर किए जा रहे खर्च का ब्यौरा रखने के लिए प्रेक्षक तैनात किए गए हैं और न ही सर्विलांस टीमें धरातल पर उतारी गई हैं। यानी इन चुनावों में जो खर्च सीमा तय की गई है, वह महज दिखाने के लिए ही है। आप अपनी हैसियत के अनुसार मतदाताओं को लुभाने के लिए जितना धन चाहे खर्च कर सकते हैं। जिला परिषद चुनाव में भी भाग्य आजमा रहे प्रत्याशी प्रचार पर अधिकतम एक लाख रुपए खर्च कर सकते हैं।

 विधानसभा व लोकसभा चुनावों में भी खर्च सीमा तय की गई है, लेकिन वहां पर चुनाव आयोग द्वारा इस पर नजर रखने के लिए बाकायदा प्रेक्षक तैनात किए जाते हैं, जबकि धरातल पर प्रत्याशी कितना खर्च कर रहे हैं और किस-किस चीज पर खर्च कर रहे हैं, इसके लिए बाकायदा सर्विलांस टीमें भी तैनात की जाती हैं। अब पंचायत चुनावों में ऐसी व्यवस्था न होने का ही सबब है कि जिला परिषद की हाट सीट बने भंजाल लोअर वार्ड में चुनाव में उतरे प्रत्याशी पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। जहां से मतदाता की जैसी डिमांड आ रही है, उस डिमांड को हर हाल में पूरा करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की मानें, तो इस वार्ड से जिला परिषद चुनाव सबसे मंहगा बना हुआ है। ऐसे में सवाल यह है कि अगर चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों द्वारा प्रचार पर किए जा रहे खर्च का हिसाब-किताब ही नहीं रखना है, तो फिर पंचायत चुनाव में चुनाव प्रचार पर खर्च की सीमा तय करने का ही क्या तुक है।

पुख्ता सबूत पर कार्रवाई

निर्वाचन अधिकारी एसडीएम विनय मोदी का कहना है कि पंचायत चुनाव में प्रचार पर खर्च की सीमा तय की गई है, लेकिन पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से इस पर नजर रख पाना मुमकिन नहीं है। अगर किसी प्रत्याशी को लगता है कि कोई प्रत्याशी तय सीमा से अधिक खर्च कर रहा है, तो वह इसके पुख्ता सबूत के साथ शिकायत कर सकता है। जिस पर ऐसे मामलों की जांच करवाई जा सकती है।


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