देवभूमि में महफूज नहीं नारी शक्ति
जयदीप रिहान – पालमपुर
देवभूमि में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और पढ़े-लिखे लोगों वाले प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। 2006 तक जहां प्रदेश में महिलाओं के साथ पेश आए विभिन्न अपराधों का आंकड़ा एक हजार से कम रहता था, वहीं अब यह बढ़़कर डेढ़ हजार से पार हो गया है। 2010 में प्रदेश में क्राइम अगेंस्ट वूमन की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 1145 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2020 में यह आंकड़ा बढ़ कर 1656 पर जा पहुंचा। 2010 से लेकर 2020 की अवधि तक महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की यह सबसे अधिक संख्या रही है। 2013 में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 1596 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2018 में 1617 और 2019 में 1640 के बाद 2020 में भी लगातार तीसरे वर्र्ष इस श्रेणी के आपराधिक मामलों की संख्या चिंताजनक तौर पर 1600 से अधिक रही। यानी हर माह दर्ज किए जा रहे मामलों की औसत संख्या 130 से भी ज्यादा है।
2012 में 1024 मामले सामने आए थे और उसके बाद 2013 में अचानक ही यह आंकड़ा बढ़कर 1596 तक जा पहुंचा था। हालांकि उसके बाद के वर्षों में इन मामलों की संख्या 1300 के कम रही, लेकिन बीते तीन वर्षों में एक बार फिर महिलाओं से क्राइम के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया है। 2020 में जिला कांगड़ा में रेप के 47 और छेड़छाड़ के 93, जिला शिमला में रेप के 54 और छेड़छाड़ के 68, जिला मंडी में रेप के 41 और छेड़छाड़ के 87, जिला सिरमौर में रेप के 44 और छेड़छाड़ के 47, जिला कुल्लू में रेप के 31 और छेड़छाड के 46 तथा जिला बिलासपुर में रेप के 22 और छेड़छाड़ के 47 मामले दर्ज किए गए। महिलाओं के खिलाफ अपराधों के सबसे कम मामले जिला लाहुल-स्पीति में रहे। लाहुल स्पीति में 2020 में रेप के दो मामले दर्ज हुए, वहीं छेड़छाड़ का एक भी मामला नहीं था। 2020 में प्रदेश में रेप के 331, मोलेस्टेशन के 539 और ईव टीजिंग के 87 मामले दर्ज किए गए।
क्राइम अगेंस्ट वूमन
2010 1145
2011 1112
2012 1024
2013 1596
2014 1325
2015 1289
2016 1212
2017 1260
2018 1617
2019 1640
2020 1654
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App