बीएड से जेबीटी की लड़ाई सड़कों पर

जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षित-छात्र संगठन ने अपने हितों की रक्षा के लिए निकाली रैली, डीसी को सौंपा ज्ञापन

नगर संवाददाता-धर्मशाला
जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षित व छात्र संगठन ने अपने हितों की ुरक्षा के लिए बुधवार को एक बार फिर प्रदेश भर से बिगुल बजा दिया है। प्रदेश के हर कोने से जेबीटी प्रशिक्षु अपने हितों की सुरक्षा के लिए अपने-अपने जिलों में सड़कों पर उतरे भी और उन्होंने सरकार तक पुन: अपनी आवाज पहुंचाने की जोड़-तोड़ कोशिश भी की। कांगड़ा जिलाध्यक्ष अभिषेक जम्वाल तथा उनके सहयोगी जगदीश परयाल ने जिला कांगड़ा में हुई रैली का नेतृत्व करते हुए धर्मशाला पुलिस ग्राउंड डाइट तथा एजुकेशन बोर्ड से होते हुए डीसी कांगड़ा को ज्ञापन भी सौंपा। सरकार पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने जेबीटी/ डीएलएड प्रशिक्षुओं की झोली में दो वर्षों से सिर्फ आश्वासन की झूठी पुडिय़ा ही दी है। दो वर्षों से सरकार के सौतेले व्यवहार से 30 हजार जेबीटी उम्मीदवारों का भविष्य अधर में अटके पड़े होने के कारण प्रशिक्षित वर्गों का समय और शैक्षिक जीवन तो इस तरह बर्बाद हो ही रहा है।

उन्होंने कहा कि मांगों को नहीं माना जाता है, तो तीन मार्च को प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। अगर ऐसा है तो वे भी डीएलएड ट्रेनिंग छोड़ किसी और क्षेत्र में अपना समय व पैसा लगाने की सोचेंगे। वहीं, प्रशिक्षण ले रहे छात्रों ने यह भी कहा कि जिस प्रकार ऑर्थोलॉजिस्ट डेटिंस्ट व कॉर्डियोलॉजिस्ट का कार्य नहीं कर सकता, ठीक उसी प्रकार एक बीएड डिग्री धारक भी जेबीटी डिप्लोमाधारकों की जगह नहीं ले सकता। बेरोजगार संघ इसी विषय पर वर्ष 2020 में दिल्ली एनसीटीई आफिस तक भी अपनी बात रख चुका है। ऐसे में अब संघ ने भी ठान लिया है कि या तो सरकार जेबीटी/ डीएलएड उम्मीदवारों के अधरे में पड़े भविष्य को उज्ज्वल करें। अन्यथा प्रदेश भर से सरकारी व निजी संस्थानों से छात्रों द्वारा भूख हड़ताल व कक्षाओं का बहिष्कार शुरू किया जाएगा। इस मौके पर रोहित, तरुण, मनोज, मुन्ना, सुनील, अक्षीमा, नितिन, ममता, खुशबू, आरती व दीक्षा कौंडल सहित छात्र मौजूद रहे।