कमांद को मिला टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब, मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया लोकार्पण, अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मान
मंडी— आईआईटी कमांद के 12वें स्थापना दिवस समारोह में बुकलेट का विमोचन करते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व अन्य
अमन अग्निहोत्री—मंडी
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि आईआईटी मंडी प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है, जो प्रदेश और इस क्षेत्र के लोगों के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री गुरुवार को आईआईटी कमांद के उत्तरी परिसर में संस्थान के 12वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने इस अवसर पर 110 करोड़ रुपए के निवेश के साथ विकसित टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब का लोकार्पण किया। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय पुस्तकालय का भी लोकार्पण किया, जिस पर 9.5 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने दक्षिणी परिसर में स्थित उन्नत अनुसंधान का दौरा किया और उत्तरी परिसर के विलेज स्कवेयर में पौधरोपण भी किया। मंडी में लैंडस्लाइड मॉनिटरिंग सिस्टम के विकास के लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जिला प्रशासन और आईआईटी मंडी के मध्य समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईआईटी मंडी को स्थापित करने में बेहतर सेवाएं देने वाली फैकल्टी, अधिकारियों व कर्मचारियों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि मंडी में वर्ष 2009 में स्थापित इस संस्थान ने निरंतर सराहनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस संस्थान में बेहतर संपर्क और अन्य अधोसंरचना सुविधाएं प्रदान करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने स्केलिंग दि हाइट एन इंस्टीच्यूशनल बायोग्राफी पुस्तक का विमोचन भी किया। सांसद रामस्वरूप शर्मा, विधायक जवाहर ठाकुर, आईआईटी के निदेशक प्रो.अजीत के. चतुर्वेदी, डीन वित्त डा. विशाल चौहान, जिला परिषद अध्यक्ष् पाल वर्मा, मिल्कफेड के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, जिला अध्यक्ष रणवीर सिंह, रजिस्ट्रार कमल कुमार, उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर, डीआईजी मधुसूदन शर्मा और एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री भी उपस्थित रहीं। (एचडीएम)
करोड़ों की परियोजनाएं
सीएम ने कहा कि संस्थान के पास 100 करोड़ से अधिक लागत की शोध परियोजनाएं हैं, जो किसी भी संस्थान के लिए एक शानदार उपलब्धि है। आईआईटी मंडी को अब तक लगभग एक हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं।
याद किए वे पल
सीएम ने 12 साल पहले की यादें साझा करते हुए कहा कि जब संस्थान खुला था, तो उस वक्त वह अन्य नेताओं संग पीछे खड़े थे, लेकिन वक्त बदला और आज वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।
पूर्व सरकारों के पास नहीं था विजन
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि टेक्नालॉजी और आत्म निर्भर भारत को लेकर पूर्व सरकारों के पास ऐसा विजन नहीं रहा, जैसी सोच इस समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है। उनकी वजह से ही टेक्नॉलाजी के कारण हम सब मिल कर कोरोना से लड़ सके हैं।
नगर निगम के लिए मैदान में उतरे सीएम
पहले धर्मशाला-पालमपुर, फिर मंडी और अब जाएंगे सोलन
शकील कुरैशी—शिमला
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नगर निगम चुनाव को पार्टी चिन्ह पर करवाने से पहले इन इलाकों में लोगों की नब्ज को टटोला है। जनता के बीच इस मामले की चर्चा की गई, जहां से संकेत मिलने के बाद यहां कैबिनेट ने फैसला लिया। बताया जाता है कि भाजपा संगठन की ओर से नगर निगमों में अपने स्तर पर सर्वेक्षण भी किया गया है, जिसमें उसे बेहतर संभावनाएं दिखीं। लिहाजा सरकार ने यहां पार्टी चिन्ह पर चुनाव का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले धर्मशाला में इस पर वहां के नेताओं से चर्चा कर चुके थे, जिसके बाद वह पालमपुर भी गए, जहां भी उन्होंने नेताओं से बात की और यहां पर तो उन्होंने संकेत दे भी दिए। वहां पर भी लोगों की नब्ज टटोली गई, जिसके बाद उन्होंने मंडी का रुख किया। मंडी में कई कार्यक्रमों के दौरान उन्होंने वहां पर नगर निगम के चुनाव को पार्टी चिन्ह पर करवाने को लेकर भी बातचीत की, जहां से भी संकेत मिले। इसके बाद अब सीएम सोलन का रुख करने जा रहे हैं, जहां पर गुरुवार को उनका कार्यक्रम है।
धर्मशाला, पालमपुर, मंडी के बाद अब सोलन का रुख सीएम कर रहे हैं। तय है कि भाजपा अभी इस ओर नहीं बढ़ी, मगर सरकार ने जो फैसला लिया, उसे सिरे चढ़ाने के लिए सीएम खुद नगर निगम के चुनावी मैदान में उतर आए हैं। हालांकि कांग्रेस ने भी प्रभारी लगा दिए हैं और उन्होंने मोर्चा भी संभाल लिया है। इन्होंने वहां पर जाकर नेताओं से मुलाकात की है और वहां के स्थानीय मुद्दों को जानकर वहां प्रत्याशियों के चयन का काम भी शुरू कर दिया है। अभी भाजपा को यह काम करना है। दूसरा कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक इस रणनीति के लिए कसौली में होगी, जहां पर वीरभद्र सिंह जैसे नेता जुटेंगे। (एचडीएम)
64 वार्डों में इलेक्शन
नगर निगम में कुल 64 वार्ड हैं, जिसमें सोलन व धर्मशाला में 17-17 वार्डों में चुनाव होना है, तो वहीं पालमपुर व सोलन में 15-15 वार्डों पर चुनाव होना है। क्योंकि सरकार ने पार्टी चिन्ह पर चुनाव का ऐलान कर दिया है, इसलिए बड़ी साख सरकार की लगी है, जिसको बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है, वहीं कांग्रेस को वापसी करने के लिए बड़ा जोर लगाना होगा।