आठ साल पहले कारपोरेट की नौकरी छोड़ लौटे भाइयों के फिश पौंड में जोरदार पैदावार
साढ़े पांच किलो तक है एक-एक मछली, रोहू, कतला और मृगल का हो रहा उत्पादन
हमारे तालाबों में 5.5 किलो वजन की मछली का उत्पादन हो रहा है तथा इससे अच्छा मुनाफा होता है। हम फार्म में रोहू, कतला और मृगल जैसी मछली की प्रजातियों के उत्पादन के साथ-साथ कॉमन कॉर्प व ग्रास कॉर्प का भी उत्पादन कर रहे हैं। इन प्रजातियों की बाज़ार में बहुत मांग रहती है और इनके बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं। वहीं, अखिल राणा बताते हैं कि हम मछली पालन के अपने व्यवसाय को सरकार की मदद से अगले स्तर पर पहुंचाना चाहते हैं। इसलिए हमने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत बायोफ्लोक्स तकनीक के तहत तालाब बनाने व मछली की बिक्री के लिए दुकान बनाने को आवेदन किया है। उम्मीद है कि जल्द ही सरकार हमें इसके लिए मदद प्रदान करेगी।
अपने फार्म में राणा बंधु
सालाना 40 टन मछली का उत्पादन कर रहे हैं। एक हेक्टेयर में लगभग दस हज़ार फिंगर लिंगस और मछली का बीज डाले जाते हैं, जो कि एक साल में लगभग 10 टन के करीब तैयार हो जाते है। इसी प्रकार चार हेक्टेयर में चालीस हजार फीगर लिंगस डालकर लगभग 40 टन मछली उत्पादन किया जाता है। मछली पालन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए इन्हें नेशनल फिशरीज डिवेलमेंट बोर्ड हैदराबाद ने 10 जुलाई, 2019 को बेस्ट इनलैंड फिश फार्मर ऑफ इंडिया का पुरस्कार भी प्रदान किया है। दिसंबर, 2019 में मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भी राणा बंधुओं के फार्म का दौरा किया और बेहतर कार्य के लिए शुभकामनाएं दी।
मत्स्य क्षेत्र में होगा सबसे अधिक निवेश
मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर बताते हैं कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाना प्रस्तावित है। योजना के अंतर्गत मछली पालन के क्षेत्र में 20,050 करोड़ रुपए का निवेश होना है। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2024-25 तक मछली उत्पादन में अतिरिक्त 70 लाख टन की वृद्धि करना है। उन्होंने बताया कि मत्स्य संपदा योजना के तहत बायोफ्लॉक तकनीक, आएएस तकनीक, बर्फ उत्पादन तथा मछली के चारे का प्लांट लगाने तथा आउटलेट निर्माण के लिए सरकार की ओर से 40.60 प्रतिशत तक सबसिडी प्रदान की जाती है। महिलाओं, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को 40 प्रतिशत सबसिडी मिलती है।
एफपीओ बना आगे बढ़ाएंगे कारोबार
देश में मछली उत्पादन से जुड़े पांच एफपीओ में से एक ऊना जिला में बनाया गया है, जिसमें राणा बंधुओं ने क्षेत्र के 150 किसानों को जोड़ा है। कच्ची मछली को बेचने के साथ-साथ अब उनकी तैयारी फिश प्रोसेसिंग की भी है। मछली का आचार, कटलेट व फिश बर्गर आदि 17 तरह के उत्पाद बनाने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाया जा रहा है, जिसके लिए दोनों भाइयों ने प्रशिक्षण भी प्राप्त कर लिया है। मत्स्य पालन विभाग ने उन्हें इसकी ट्रेनिंग चेन्नई में करवाई है। इसके अलावा फीड मिल भी स्थापित कर ली गई है, जहां पर मछली, पोल्ट्री तथा पशु चारा तैयार किया जा रहा है। एफपीओ के सदस्यों को यहां से सस्ते दाम पर फीड उपलब्ध करवाई जाएगी।
पशुपालकों के भी बनेंगे किसान क्रेडिट कार्ड
रिपोर्टः स्टाफ रिपोर्टर, गगरेट
तूफान को रोकने वाले जाल पर 80 फीसदी सबसिडी
रिपोर्टः दिव्य हिमाचल ब्यूरो, बिलासपुर
अब खेतों में बनेंगी किसानों की योजनाएं
हिमाचल में अब किसानों की भलाई के लिए चलने वाली योजनाएं खेतों में तैयार की जाएंगी। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने एक नई पहल की है। पेश है यह खबर
फिर रफ्तार पकड़ेंगे किसान मेले, मंडी के पद्धर में 15 अप्रैल से होगा आयोजन
कोरोना के आने से पहले प्रदेश भर में किसान मेले हो रहे थे। इसमें किसान और बागबान भाइयों को जहां जरूरी जानकारियां मिल रही थीं, वहीं सरकारी योजनाओं से लेकर नई तकनीक का भी पता चल रहा था। इसी बीच कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया और किसान मेले भी बंद हो गए। खैर, अब ये किसान मेले एक बार फिर से शुरू हो रहे हैं। मंडी जिला पद्धर में 15 से 19 अप्रैल तक किसान मेला लगने वाला है। इस मेले में प्रदर्शनियां लगेंगी, वहीं किसानों को नए बीज और खाद पर भी जागरूक किया जाएगा। इसमें सरकार सरकार की योजनाओें पर भी जानकारी दी जाएगी। इस मेले को लेकर एसडीएम शिव मोहन सिंह सैनी ने की अगवाई में तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इस मेले को शानदार तरीके से आयोजित करवाया जाएगा,ताकि सभी किसानों तक सरकारी योजनाएं और नई तकनीकी जानकारियां पहुंच सकें।
रिपोर्टः निजी संवाददाता, पद्धर
अब हरियाणा के किसानों को खेती सिखाएंगे यूसुफ खान
हिमाचल में ऐसे कई किसान हैं, जो अपने टेलेंट के दम पर देश दुनिया में छाए हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं ऊना जिला के रहने वाले यूसुफ खान। पढि़ए यह खबर
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