सरकारी अंशदान को सैलरी में जोडऩे का विरोध

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-हमीरपुर
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार की ओर से नियोक्ता के रूप में मिलने वाले पेंशन अंशदान को कुल देय वेतन में लाने के फैसले का विरोध जताया है। संघ के जिला प्रधान सुनील कुमार, महासचिव राजेश गौतम, राज्य के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलराज अत्री, राज्य सहसचिव अजय कुमार व सभी खंड प्रधानों ने संयुक्त बयान में कहा है कि यह पेंशन विहिन कर्मचारियों के साथ धोखा है। पहले ही सरकारों ने कर्मचारियों की पेंशन को कंपनी के हाथों में सौंप दिया और अब एनपीएस के नाम से सरकार से मिलने वाले अंशदान को कुल वेतन से जोड़ दिया गया है जोकि कर्मचारियों को मिलता ही नहीं।

संघ के अनुसार सरकार की ओर से देय अंशदान कभी भी कर्मचारियों के वार्षिक वेतन में शामिल नहीं किया जाता था। लेकिन अब नियोक्ता की ओर से देय भाग (अंशदान) को आयकर के दायरे में लाया जा रहा है जोकि कर्मचारियों के साथ धोखा है। संघ ने सरकारी अंशदान को कुल वेतन में जोडऩे का विरोध करते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। गौरतलब है कि वर्ष 2003 में पहले ही सरकार प्रदेश के मुलाजिमों को बढ़ापे का सहारा बनने वाली पेंशन की सुविधा से महरूम कर दिया है और अब यह नया फरमान सुनाकर कर्मचारियों को और हताश कर दिया है।