किसानों को लुभाने की कोशिश; न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर बड़ा फैसला, लागत से अधिक रहेगा एमएसपी

By: Feb 2nd, 2021 12:06 am

न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, लागत से अधिक रहेगा एमएसपी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा का केंद्र रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे को लेकर बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार किसानों की खेती में लगने वाली लागत से अधिक एमएसपी किसानों को देगी। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने एपीएमसी के लिए एग्री इंफ्रा फंड का ऐलान किया। सरकार ने इस बजट में कपास और दलहन की खरीद पर भी जोर देने की बात कही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए एमएसपी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सभी किसानों को किसी फसल में आने वाली लागत पर लागत से डेढ़ गुना मूल्य पर एमएसपी प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने एमएसपी के लिए 75 हजार करोड़ रुपए आंबटित किए हैं।

किसानों को एमएसपी की सौगात देने के साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष में किसानों की उपज की खरीद पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। गौरतलब है कि देश में जारी किसान आंदोलन में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एक बड़ा मुद्दा रही है। सरकार ने कहा है कि सरकार ने बीते वर्ष में भी लागत से डेढ़ गुना मूल्य पर एमएसपी प्रदान की है और यह आगामी वित्तीय वर्ष में भी जारी रहेगा। इसके साथ ही सरकार ने कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए एक विशेष योजना का ऐलान किया है। आगामी वित्तीय वर्ष में सरकार कपास किसानों को मिलने वाली राशि में इजाफा कर सकती है। वित्त मंत्री ने धान की खेती करने वाले किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए 1.7 लाख करोड़ रुपए की राशि धान किसानों को भुगतान करने की घोषणा की है। सरकार ने दलहन की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में दलहन की खरीद में 40 प्रतिशत तक की बढ़त देखने को मिलेगी। उधर, बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों की आमदनी को बढ़ाने के मद्देनजर उन्हें एग्री प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) को एग्री इंफ्रा फंड के तहत लाने का ऐलान किया, जिसके जरिए एक हजार मंडियों को सरकार ई-नाम से जोड़ेगी। इससे ग्रामीण इलाके के किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सकेगा, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए कहा कि एपीएमसी को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा। ई-नाम से 1000 और मंडियों को जोड़ा जाएगा। ई-नाम के तहत 1.68 करोड़ किसानों का पंजीकरण किया गया है। इसमें 1.14 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है। बता दें कि एग्री इंफ्रा फंड के तहत गांवों में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इस एग्री फंड से कोल्ड स्टोर, वेयरहाउस, साइलो, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स लगान के लिए लोन भी सरकार दे रही है। वहीं, एग्री प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) को एग्री इंफ्रा फंड से जोड़ने का सरकार ने ऐलान किया है। इसके लिए सरकार ऑनलाइन मार्केटिंग शुरू की है। केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) दिया है, जिससे 1000 मंडियां जोड़ने का सरकार ने ऐलान किया है।  देश में गेहूं उगाने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है। सरकार ने 2020-21 में किसानों से एक लाख 41 हजार 930 करोड़ का धान खरीदा है।

कृषि विकास पर ध्यान

किसानों को एमएसपी की सौगात देने के साथ ही सरकार ने कृषि विकास को लेकर भी कई बड़ी घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए बताया कि कृषि विकास के लिए 1.72 लाख करोड़ रुपए की राशि आंबटित की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की उपज खरीदने पर भी जोर देगी। सरकार कृषि क्षेत्र में विकास के साथ ही देश में उत्पादकता को बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान देगी।

32 राज्यों लागू होगा ‘एक राष्ट्र, एक राशन’ कार्ड

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों मे क्रियान्वित की जा रही है, जिसका फायदा लगभग 69 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंच रहा है। श्रीमती सीतारमण ने  संसद में वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस योजना से 86 प्रतिशत लाभार्थियों को इसमें कवर किया जा चुका है। वित्त मंत्री ने इसके साथ ही आने वाले कुछ महीनों में शेष चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी इसमें एकीकृत करने के बारे में आश्वस्त किया। इस योजना के तहत लाभार्थी, विशेषकर प्रवासी श्रमिक पूरे देश में कहीं भी अपना राशन पाने का दावा कर सकते हैं।

खेती-किसानी के लिए घोषणाएं…

-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि साल 2014 में हमने दाल की खरीददारी में 236 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस साल हमारी सरकार 10 हजार 500 करोड़ रुपए की दाल खरीदेगी। इसमें 40 गुना इजाफा हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2013-14 में गेहूं पर सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। साल 2019 में हमारी सरकार ने 63 हजार करोड़ रुपए की खरीददारी की थी। जो अब बढ़कर लगभग 75 हजार करोड़ रुपए हो गई है। 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका लाभ मिलने वाला है।

-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2013-14 में धान खरीदारी पर हमने 3 हजार करोड़ रुपए खर्च किए। इस बार यह बढ़कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। हमें उम्मीद है कि इस साल ये आंकड़ा 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। पिछले सालों में 1.2 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है। इस बार 1.5 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है।

-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वामित्व योजना को पूरे देशभर में लागू किया जाएगा। एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट को 16 लाख करोड़ तक किया जा रहा है।

-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रीन स्कीम का भी ऐलान किया है। जिसमें कई फसलों को शामिल किया गया है।

-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार करने का वादा किया है।

अब ज्यादा अन्नदाताओं को मिलेगा सस्ता लोन

आम बजट में किसान और खेती से जुड़े कई ऐलान किए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के लोन की लिमिट बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि ऋण का बजट बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपए करने का फैसला किया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वचनबद्ध है और इस दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन, डेरी और मछली पालन से जुड़े किसानों की आमदनी बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण आधारभूत ढांचे के विकास के लिए आबंटन 30,000 करोड़ से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपए किया जा रहा है। सिंचाई की तकनीकों को बढ़ाने के लिए नाबार्ड के तहत 5,000 करोड़ रुपए का माइक्रो इरिगेशन फंड तैयार किया गया है।

 इस फंड को अब दोगुना किया गया है। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दायरे में जल्दी खराब होने वाले 22 और उत्पादों को शामिल किया जाएगा। ई-नाम के तहत 1.68 करोड़ किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए देश के पांच बंदरगाह कोच्चि, चैन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट को मत्स्य बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा। नदियों, जलमार्गों के किनारे स्थित अंतरदेशिय मत्स्य बंदरगाहों और फिश लैंडिंग सेंटर का भी विकास किया जाएगा।

झलकियां

पीएम ने सीतारमण की सीट पर जाकर दी बधाई, मोबाइल पर व्यस्त रहे राहुल गांधी

— वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीमती सीतारमण की सीट पर जाकर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। बजट सत्र के शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री सदन में पहुंच गए थे और उन्होंने सभी से मिल कर अभिवादन किया।

— सदन में मंत्रियों और सत्तापक्ष की आगे की पंक्तियों में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया, लेकिन पीछे की सीटों पर मास्क लगा कर अधिकतर सदस्य एक-दूसरे से सट कर बैठे थे।

— कांग्रेस नेता राहुल गांधी बजट भाषण के दौरान कुछ देर बाद मोबाइल में व्यस्त हो गए और फिर एक सांसद के साथ कुछ देर तक बात करते रहे और बाद में उठकर बाहर चले गए।

— श्रीमती सीतारमण ने बजट भाषण के आरंभ में राष्ट्र प्रथम, किसानों की आय दोगुना करना, सुदृढ़ अवसंरचना, स्वस्थ भारत, सुशासन, युवाओं के लिए अवसर, सभी के लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास के संकल्प की बात की तो विपक्ष ने जुमला जुमला के नारे लगाए।

— वित्त मंत्री ने जब करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए के रणनीतिक विनिवेश के प्रस्ताव पेश किए, तो विपक्ष की कतारों से ‘ओएलएक्स पर बेच दो’ की आवाजें सुनीं गईं।

— स्वास्थ्य एवं कृषि के प्रावधानों का उल्लेख करने पर सत्ता पक्ष की ओर से मेजें थपथपा कर स्वागत किया गया।

— बजट भाषण समाप्त होने के बाद श्रीमती सीतारमण ने वित्त विधेयक पेश किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार को अपराह्न चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

— सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद श्री मोदी अपनी सीट से उठे और दूसरी पंक्ति में श्रीमती सीतारमण की सीट तक गए और उन्हें हाथ जोड़ कर बधाई और शुभकामनाएं दीं।

— वित्त मंत्री के करीब एक घंटे 50 मिनट के भाषण के बाद जब सदन की कार्यवाही स्थगित हुई, तो बाहर गेट पर मीडिया को काफी देर तक केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं का इंतजार करना पड़ा। उनमें प्रतिक्रिया देने का कोई उत्साह नहीं दिखा। सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह निकले, बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे आए।

— बजट भाषण में रक्षा संबंधी प्रावधानों का उल्लेख नहीं किया गया।


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