बिजली में हिमाचल को तगड़ा झटका, इस साल घटी बिजली की खपत

900 करोड़ की जगह 676 करोड़ की होगी कमाई, इस साल घटी बिजली की खपत
कोरोना महामारी के चलते बंद रहे ज्यादातर उद्योग
विशेष संवाददाता—शिमला
आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश, जिसे ऊर्जा राज्य कहा जाता है, में बिजली का कारोबार घट गया और सरकार को इसका बड़ा नुकसान हुआ है। नौ सौ करोड़ रुपए की अनुमानित आय का आकलन किया गया था, मगर इसकी अपेक्षा यहां पर कमाई कम हुई है। इस साल दिसंबर 31 तक प्रदेश सरकार को बिजली हिस्सेदारी से प्राप्त राजस्व 610 करोड़ रुपए है, जिसमें 31 मार्च तक 66 करोड़ रुपए की और आय होने की संभावना है। कोविड के कारण बिजली के दामों में भी गिरावट आई, ऐसा माना जा सकता है, लेकिन इसके साथ अहम बात है कि यहां पर उर्जा की खपत भी कम हुई है। क्योंकि कोरोना के कारण यहां सभी उद्योग बंद पड़े हुए थे, जिसके चलते उद्योगों में बिजली खर्च नहीं हो सकी।
बिजली खपत का जो आंकड़ा आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आया है, उसमें घरेलू बिजली की खपत 2193.69 मिलियन यूनिट 2019-20 में थी, जबकि इस साल 1450.23 मिलियन यूनिट बिजली की खपत घरेलू उपभोक्ताओं ने की। गैर घरेलू, गैर वाणिज्यिक खपत में 159 मिलियन यूनिट के मुकाबले गिरावट आई है, जो 69.54 मिलियन यूनिट तक रह गई। वाणिज्यिक खपत में तब बढ़ी, जब वापस उद्योगों को चालू किया गया और यह खपत 301.64 मिलियन यूनिट तक पहुंची। राज्य के भीतर कुल बिजली की खपत की बात करें, तो यहां पर 2019-20 में खपत 9123.99 मिलियन यूनिट थी, जो कम होकर मात्र 5197.69 तक रह गई है। बिजली बोर्ड के पावर हाउसों में हुए उत्पादन की बात करें, तो कुल उत्पादन पिछले साल में 2246.18 मिलियन यूनिट था, जो कि इस साल 31 मार्च तक 2030.53 मिलियन यूनिट तक रहने की संभावना है।
नुकसान की वजह
प्रदेश को कोविड के कारण काफी ज्यादा नुकसान कई दूसरे क्षेत्रों में हुआ है, जिसमें ऊर्जा क्षेत्र अहम है जिसे आर्थिक सवेक्षण में इंगित किया गया है। अब कोरोना के बाद गतिविधियों ने रफतार पकड़ी है, मगर सरकार की बिजली में हिस्सेदारी से कमाई ज्यादा नहीं बढ़ी है, क्योंकि बाजार में हाइड्रो पावर का रेट काफी ज्यादा कम है। इस कमी का नुकसान सरकार को उठाना पड़ रहा है।