काली-सहस्रनाम

By: Mar 6th, 2021 12:27 am

-गतांक से आगे…

मत्ता प्रमत्ता मदना सुधा-सिन्धु-निवासिनी। अति-मत्ता महा-मत्ता सर्वाकर्षण-कारिणी।। 21।।

गीत-प्रिया वाद्य-रता प्रेत-नृत्य-परायणा। चतुर्भुजा दश-भुजा अष्टादश-भुजा तथा।। 22।।

कात्यायनी जगन्माता जगती-परमेश्वरी। जगद्-बन्धुर्जगद्धात्री जगदानन्द-कारिणी।। 23।।

जगज्जीव-मयी हेम-वती महामाया महा-लया। नाग-यज्ञोपवीताङ्गी नागिनी नाग-शायनी।। 24।।

नाग-कन्या देव-कन्या गान्धारी किन्नरेश्वरी। मोह-रात्री महा-रात्री दरुणाभा सुरासुरी।। 25।।

विद्या-धारी वसु-मती यक्षिणी योगिनी जरा। राक्षसी डाकिनी वेद-मयी वेद-विभूषणा।। 26।।

श्रुति-र्स्मृतिर्महा-विद्या गुह्य-विद्या पुरातनी। चिंताऽचिंता स्वधा स्वाहा निद्रा तन्द्रा च पार्वती।। 27।।

अर्पणा निश्चला लीला सर्व-विद्या-तपस्विनी। गङ्गा काशी शची सीता सती सत्य-परायणा।। 28।।

नीतिः सुनीतिः सुरुचिस्तुष्टिः पुष्टिर्धृतिः क्षमा। वाणी बुद्धिर्महा-लक्ष्मी लक्ष्मीर्नील-सरस्वती।। 29।।

स्रोतस्वती स्रोत-वती मातङ्गी विजया जया। नदी सिन्धुः सर्व-मयी तारा शून्य निवासिनी।। 30।।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App