धर्मशाला में कलियों को खिल जाने दो

By: Mar 10th, 2021 12:12 am

कवि सम्मेलन में कवियों ने रचनाएं पेश कर भावों से किया सराबोर

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—धर्मशाला
भाषा एवं संस्कृति विभाग, धर्मशाला की ओर से मंगलवार को जिला लोक संपर्क कार्यालय के सभागार में बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि केसी शर्मा पूर्व चुनाव आयुक्त ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केके तूर ने की। उन्होंने कहा कि जब जिला में इस तरह की संगोष्ठियां आयोजित होती हैं तो विचारों का संप्रेषण भी उसी दर में होता है। उन्होंने कहा कि इन संगोष्ठियों से नवोदित कवियों को वरिष्ठ साहित्यकारों से सीखने का अवसर प्राप्त होता है। इस कवि सम्मेलन में धर्मशाला क्षेत्र से प्रतिष्ठित एवं नवोदित 28 कवियों और कवयित्रियों ने पहाड़ी व हिंदी भाषा में विभिन्न विषयों पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस सम्मेलन में सुरेश भारद्वाज द्वारा ‘घर नहीं है आज पास मेरे, द्विजेंद्र द्विज ने अपनी कविता ‘खुश्क आंखों में उमड़ आता है बादल बनकर, दर्द एहसास को बंजर नहीं होने देताÓ से अपने भाव व्यक्त किए।

नवनीत शर्मा की कविता ‘कुछ बातों को कान नहीं दिल सुनता है, उसने कहा जो कुछ भी लहना क्या करता, फिर मलबे पर फूल उगा डाले मैंने, उसकी गली में और तमाशा क्या करताÓ। चंद्ररेखा ढडवाल व वंशिता शर्मा ने बड़ी सुंदर कविताएं प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। नवोदित कवियों में कुणाल किशोर ने ‘मेरा सोणा दिया हिमाचलÓ व मीनाक्षी चौधरी ने ‘कलियों को खिल जाने दो, जीवन ज्योति जलाने दोÓ पर कविता प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में प्रभात शर्मा, डा. युगल डोगरा, डा. वासुदेव प्रशांत, ललित मोहन शर्मा, तकदीर सिंह, अंजलि जम्वाल, शिवा पंचकरण, संदीप धीमान, विपिन शर्मा व अन्य गणमान्यों ने अपनी कविताओं के माध्यम से मंत्रमुग्ध कर दिया। जिला लोक संपर्क अधिकारी विनय शर्मा भी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे। केवल राम ने कार्यक्रम का मंच संचालन किया। जिला भाषा अधिकारी ने कार्यक्रम में आए हुए सभी विद्वानों और साहित्यकारों तथा उपस्थित सभी गणमान्यों का धन्यवाद किया।


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