बढ़ती बिजली कीमतों का विरोध, कैप्टन सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

By: Mar 5th, 2021 12:05 am

आप विधायकों ने पंजाब विधानसभा तक निकाली पैदल मार्च, कैप्टन सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

निजी संवाददाता — चंडीगढ़

कैप्टन सरकार द्वारा में लगातार बढ़ाए जा रहे बिजली की कीमतों के विरोध में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने बुधवार को एमएलए हॉस्टल से विधानसभा तक पैदल मार्च किया। मार्च के दौरान विधायकों ने कैप्टन सरकार के खिलाफ  नारेबाजी की और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अपने वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। मीडिया को संबोधित करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा और विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 के चुनावों से पहले बिजली की दरों को कम करने का वादा किया थाए लेकिन सरकार बनाने के बाद अभी तक उन्होंने बिजली की कीमतों में 14 बार वृद्धि की है। चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अकाली-बीजेपी सरकार के दौरान निजी कंपनियों के साथ किए गए बिजली समझौतों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें रद्द कर दिया जाएगा। कैप्टन को सत्ता में आए चार साल हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।

 उन्होंने बिजली की कीमतों पर श्वेत पत्र लाने का भी वादा किया था, लेकिन लाना भूल गए। उन्होंने कहा कि आज पंजाब सरकार की खराब नीतियों के कारण पंजाब के लोग महंगी बिजली खरीद रहे है और महंगाई की मार झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन को अरविंद केजरीवाल से सीखना चाहिए। दिल्ली की सरकार अपने लोगों को बिजली खरीदकर भी मुफ्त में बिजली मुहैया करा रही है और कैप्टन सरकार बिजली खुद बिजली उत्पादन करके भी लोगों को सबसे महंगी दरों पर बिजली उपलब्ध करा रही है। आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में विधानसभा सत्र में एक विधेयक पेश किया था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह एक ताजा मुद्दा नहीं है। उ आम आदमी पार्टी पिछले चार साल से सरकार को जगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन सरकार बेफिक्त्र होकर सो रही है।

बिजली की ऊंची दरों के मुद्दे पर विधानसभा से वॉकआउट

बजट सत्र के तीसरे दिन आप विधायकों ने बुधवार को बिजली के उच्च दरों के मुद्दे पर विधानसभा से वॉकआउट किया। आप नेताओं ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वादा किया था कि वे अकाली सरकार के बिजली खरीद समझौते(पीपीए) की समीक्षा करेंगे और राज्य में बिजली सस्ती करने के लिए उन्हें रद्द करेंगे। लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने न तो पीपीए की समीक्षा की और न ही उसे रद्द किया। बल्कि उन्होंने अपने शासन में बिजली की दरों में और वृद्धि कर दी।  आप नेताओं ने कहा कि कैप्टन सरकार के दौरान बठिंडा थर्मल प्लांट जैसे सरकारी थर्मल प्लांटों को बंद कर दिया गया है और राज्य में बिजली के उत्पादन के लिए निजी बिजली कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा ठेका दिया जा रहा है। बिजली की ऊंची कीमतों के कारण आज आम आदमी से लेकर व्यापारी और किसान सभी त्रस्त हैं। कैप्टन अमरिंदर बिजली की कीमत घटाने में फेल रहे हैं।


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