नालागढ़ में तूफान से फसलों को नुकसान

By: Mar 8th, 2021 12:23 am

गेहूं, चने, सरसों सहित सब्जियों की खेती हुई प्रभावित, उपमंडल में 11 हजार हेक्टेयर भूमि पर होती है गेहूं की पैदावार

आरुणि पाठक-नालागढ़
नालागढ़ उपमंडल में शनिवार मध्यरात्रि को आए आंधी तूफान से फसलों को भी नुकसान हुआ है। इन दिनों क्षेत्र के किसानों ने गेहूं, चने, सरसों सहित सब्जियों की खेती की हुई है। बताया जाता है कि जिन किसानों ने अपनी गेहंू की फसल को पानी लगाया हुआ था, उन फसलों को नुकसान हुआ है, क्योंकि नमी के कारण पौधे की पकड़ कमजोर हो जाती है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के किसानों को जहां पहले तेला कीट व पीले रतुए रोग से परेशानी झेलनी पड़ी थी, वहीं अब किसानों की चिंताएं आंधी तूफान ने बढ़ा दी हैं। खासतौर पर सिंचाई सुविधा वाले क्षेत्रों के किसानों को इसका नुकसान हुआ है, क्योंकि उन्होंने अपने खेतों में लगी फसलों को पानी दिया हुआ था और आंधी तूफान आने के कारण उनकी फसलों को नुकसान हुआ है। बता दें कि नालागढ़ उपमंडल की 77 पंचायतों के तहत 19 हजार हेक्टेयर भूमि में से 11 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है और क्षेत्र के लोगों की मुख्य पैदावार गेहूं व मक्की होती है। आजकल किसानों ने गेहूं, चने व सरसों की खेती की हुई है। नालागढ़ क्षेत्र दो इलाकों में बंटा हुआ है, जिसमें पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र आता है।

सिंचाई सुविधा वाली भूमि के अंतर्गत मंझौली, राजपुरा, ढांग, जगातखाना,निहली ढांग, ढाणा, सनेड़, भाटियां, दभोटा, नवांग्राम, पंजैहरा, जोघों, जगतपुर, बैरछा, बघेरी, खिल्लियां, घोलोंवाल, करसौली, गुल्लरवाला, बरुणा आदि कई गांव आते हंै, जबकि रेनफेड एरिया में मित्तियां, मैथल, रतवाड़ी, बारियां, रामशहर, थयोड़ा आदि कई गांव आते हैं। क्षेत्र के किसान अवतार सिंह, प्रेम चौधरी, रविंद्र ठाकुर, योगेश शर्मा आदि ने बताया कि जिन फसलों को पानी लगाया हुआ था, वहां पर आंधी तूफान से नुकसान पहुंचा है। कृषि विषयवाद विशेषज्ञ डा.प्रेम ठाकुर ने कहा कि अभी तक अधिक नुकसान की कोई सूचना नहीं है, लेकिन फिर भी विभाग द्वारा सर्वे करवाया जाएगा।


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