टैक्सी आपरेटरों का छलका दर्द

रिवालसर में जिला टैक्सी एकता संगठन ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत भारी वृद्धि का किया कड़ा विरोध

निजी संवाददाता-रिवालसर
कोरोना माहमारी के चलते पर्यटन उद्योग से जुड़ा टैक्सी कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जहां टैक्सी आपरेटरों को सरकार से राहत की आस थी। वहीं उनकी उम्मीदों के विपरीत सरकार ने पेसेंजर टैक्स, नेशनल परमिट, ग्रीन टैक्स, व्हीकल इंश्योरेंस, गाडिय़ों के चालान आदि कई तरह के लगने वाले शुल्कों पर कई गुणा बढ़ोतरी कर उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया है। रिवालसर में आयोजित जिला मंडी टैक्सी एकता संगठन की बैठक में जिला की करीब 15 टैक्सी यूनियनों के दर्जनों प्रतिनिधियों ने भाग लेते हुए मोटर वाहन अधिनियम के तहत इस भारी वृद्धि का कड़ा विरोध किया है। केंद्र व प्रदेश सरकार से हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि गत डेढ़ वर्ष से कोरोना माहमारी के चलते उनके काम धंधे ठप हो गए हंै।

गाडिय़ों की बैंक किश्तें, ऐसे में अपने व परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो गया है। वह बेरोजगार होकर रह गए हंै। सरकार ने उनकी ऐसी कौन सी आय बढ़ती हुई देख ली कि 500 रुपए का परमिट 25 हजार व 750 रुपए वाला 75 हजार करने का फैसला ले लिया। जिला मंडी टैक्सी एकता संगठन के अध्यक्ष सुनील बरवाल ने मीडिया के माध्यम से सरकार को संदेश जारी करते हुए कहा है कि सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के निवारण को लेकर बातचीत के लिए समय निकाले। उन्होंने सरकार से दो टूक कहा है कि अगर उनकी मांगों व समस्याओं का सरकार समाधान नहीं करेगी तो उन्हें मजबूरन विरोध का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसमें वह अपनी गाडिय़ों को सड़कों पर खड़ा कर उनकी चाबियां संबंधित विभाग को सौंप देंगे तथा अपने परिवारों सहित सड़कों पर सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। क्योंकि यह व्यवसाय उनकी व उनके परिवार की रोजी रोटी से जुड़ा हुआ है। इस मौके पर पवन कुमार, प्रधान महेंद्र गुलेरिया, विजय, जीत ङ्क्षसह, प्रवीण, राकेश, मेहर ङ्क्षसह, अश्वनी, मनोज कटोच, चूड़ामणि आदि मौजूद रहे।