बच्‍चों में होने वाली कंठ रोग

By: Apr 17th, 2021 12:05 am

यह रोग वायरस के कारण फैलता है, इसलिए किसी भी तरह की एंटीबायोटिक का सेवन करने की सलाह डाक्टर नहीं देते हैं। लेकिन कुछ दवाइयां लिख देते हैं, जिसके माध्यम से सांस की नली में आने वाली सूजन दूर हो जाती है और बच्चा आसानी से सांस ले पाता है…

कंठ

रोग जिसे इंग्लिश में क्रुप रोग भी कहा जाता है, ज्यादातर बच्चों में होने वाली बीमारी है। इसके कारण बच्चों में सांस संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। इसकी ज्यादा संभावना अधिक ठंड वाले मौसम में या पतझड़ में देखी जाती है। बता दें कि यह समस्या आम होती है। थोड़े दिन अच्छी देखभाल और आराम किया जाए, तो इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। अब सवाल यह है कि यह समस्या बच्चों में क्यों होती है और इसका लक्षण क्या है? आइए जानते हैं कि कंठ रोग के लक्षण क्या हैं साथ ही इसके कारण और बचाव कैसे कर सकते हैं।

कंठ रोग के लक्षण

भयानक खांसी होना। सांस लेते वक्त आवाज आना। सांस लेने में दिक्कत महसूस करना। गले में खराश हो जाना।आवाज का बदल जाना। सांस लेते वक्त घरघराहट होना। बता दें कि इसके कारण बच्चों में नाक बंद की समस्या, जुकाम, खांसी आदि होते हैं और इसके संक्रमण कुछ समय बाद पैदा होते हैं और स्थिति रात में और गंभीर हो जाती है।

कंठ रोग के कारण

बता दें कि यह कंठ रोग वायरस के कारण फैलता है। ऐसे में एंटीबायोटिक्स की मदद से इस समस्या को दूर नहीं किया जा सकता। अगर बच्चा इस बीमारी से ज्यादा परेशान नहीं है, तो आपको भी परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह खुद ब खुद ठीक हो सकती है।

वहीं अगर यह समस्या गंभीर रूप ले लेती है तो बच्चों की सांस की नली में सूजन आ जाती है, जिसके कारण वह बीमार हो सकते हैं या उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है। जैसे पहले भी बताया कि यह समस्या रात में गंभीर रूप ले लेती है। ऐसे में बच्चे अकसर नींद से जाग जाते हैं। कुछ डाक्टर यह भी कहते हैं कि एलर्जी और पेट में रिफ्लेक्ट के कारण यह समस्या पैदा होती है। जब भोजन वापस ग्रास नली में लौट आता है तब यह समस्या हो जाती है।

कंठ रोग के इलाज

बच्चों के माता-पिता द्वारा बताए गए  लक्षणों और शारीरिक जांच के आधार पर अकसर इसका निदान किया जाता है। कई बार डाक्टर कु्रप की पहचान करने के लिए फोन पर भी बच्चे की खांसी सुन सकता है और फिर इसका समाधान निकालता है, वहीं अगर समस्या ज्यादा गंभीर है, तो डाक्टर एक्स-रे या अन्य परीक्षण की सलाह भी देते हैं। यह रोग वायरस के कारण फैलता है, इसलिए किसी भी तरह की एंटीबायोटिक का सेवन करने की सलाह डाक्टर नहीं देते हैं। लेकिन कुछ दवाइयां लिख देते हैं, जिसके माध्यम से सांस की नली में आने वाली सूजन दूर हो जाती है और बच्चा आसानी से सांस ले पाता है।

ऊपर बताए गए बिंदु से पता चलता है कि बच्चों में यह समस्या बेहद आम है। लेकिन अगर इस समस्या से समय रहते इलाज नहीं किया गया, तो समस्या और गंभीर हो सकती है इसीलिए अगर ऊपर बताए गए लक्षण आपको अपने बच्चे में दिखाई दें, तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।


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