खलूट में अज्ञात बीमारी से मरे 36 मुर्गे

By: Apr 15th, 2021 12:45 am

पशुपालन विभाग के फार्मासिस्ट ने लिया मौके का जायजा, बर्ड फ्लू से किया इनकार

स्टाफ रिपोर्टर — आनी
जिला के आनी खंड की दूरदराज पंचायत टकरासी के खलूट गांव में चार-पांच पशुपालकों के करीब 36 पालतु मुर्गे अज्ञात बीमारी से मर गए हैं। मुर्गों के मरने का सिलसिला अभी भी जारी है, वहीं आसपास ही करीब एक दर्जन कौवे भी मृत पाए गए हैं। इससे ग्रामीणों में बर्ड फ्लू की दस्तक को लेकर खौफ का माहौल है। इसकी सूचना पशुपालन विभाग के फार्मासिस्ट को दी गई है। सूचना मिलते ही फार्मासिस्ट ने मौके पर पहुंचकर मृत मुर्गों का जायजा लिया और उपमंडलीय पशु चिकित्सक डा. रणधीर सिंह को लक्षणों से अवगत करवाया। ग्रामीण सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि खलूट गांव के माडू राम, कालू, धनी राम और लाल दास के पालतु मुर्गे किसी बीमारी से मर गए हैं। वहीं, गांव के अन्य निवासी मदन लाल के मुर्गों में भी बीमारी के लक्षण हैं। ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग से गुहार लगाई है कि मुर्गों और कौवों के मरने के कारणों का पता लगाने के लिए सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे जाएं। डा. रणधीर सिंह ने बताया कि बीमारी के कारण मुर्गों के मरने की सूचना मिली है, लेकिन लक्षणों से साफ जाहिर है कि इन मुर्गों की मौत बर्ड फ्लू से नहीं, बल्कि एक इन्फेक्शन से हुई है। इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने मृत मुर्गों को नष्ट करने का सुझाव दिया है।

मनाली-पतलीकूहल में भी पाए गए मरे हुए कौवे
दूसरी ओर मनाली व पतलीकूहल में भी इसी तरह से कौवों के मरने के मामले सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि गत मंगलवार को भी ऊझी घाटी में नौ कौवों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। कौवों के सैंपल पतलीकूहल में जो मृत मिले थे, उन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा गया था, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। उससे अब पशुपालक, लोग घबराने लगे हैं। मृत पक्षियों का उचित तरीके से निपटारा करने के बाद उस जगह को नि:संक्रामक किया गया है। कोरोना महामारी के साथ साथ बर्ड फ्लू की दस्तक लोगों को और भी डराने लगी है। एक साथ नौ कौवों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद लोग सहम गए हैं।


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