500 रुपए बढ़ेगी तनख्वाह, मिड-डे मील वर्कर्ज को तोहफा, शिक्षक तबादला एक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी

चंडीगढ़, 20 अप्रैल (ब्यूरो)

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने राज्य में स्कूलों के कामकाज में और सुधार लाने के लिए कई फैसले लेते हुए विधानसभा में अध्यापक तबादला एक्ट संबंधी कानून लाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर मंज़ूरी दे दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मिड.डे.मील के वर्करों के वेतन में मासिक 500 रुपए की वृद्धि करने और इस साल सरकारी स्कूलों के बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 2.14 लाख और स्मार्ट फोन बाँटने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून बनने से राज्य सरकार द्वारा साल 2019 में लागू की गई अध्यापक तबादला नीति को वैधानिक रूप मिल जाएगा। यह नीति समूची प्रक्रिया को पारदर्शीए प्रभावी और भ्रष्टाचार.मुक्त बनाने के लिए लाई गई थी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह नीति लागू होने से स्कूल अध्यापकों की बदलियों के संदर्भ में भ्रष्टाचार की एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई।

इस नीतिए जिसके घेरे में अब नॉन.टीचिंग स्टाफ को भी लाया जा चुका हैए के द्वारा 1ण्12 लाख अध्यापकों में से अब तक 21600 अध्यापकों ने लाभ लिया है। मिड.डे.मील के वर्करों का वेतन बढ़ाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्करों की काफी देर की माँग थी क्योंकि इसमें साल 2017 में इजाफा किया गया था। इस कदम से 19000 स्कूलों में मिड.डे.मील के 42000 वर्करों को फ़ायदा होगा। मुख्यमंत्री ने एक और ऐलान करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को 2.14 लाख और स्मार्ट फ़ोन बाँटने की प्रक्रिया अगले तीन महीनों में शुरू होगी और इस संबंधी साल 2020.21 के लिए बजट व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव को मंजूरी दी जायेगी और उसके तुरंत बाद फ़ोन के लिए ऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे जिससे तय समय में फ़ोन बाँटे जाएं। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट फ़ोन खरीदने के लिए प्रस्ताव उद्योग विभाग को पहले ही भेजा जा चुका है। वहीं शिक्षा सचिव ने अन्य पहलकदमियों का भी जि़क्र किया जिनमें स्कूल हैड मास्टरोंए प्रिंसिपल और ब्लाक प्राईमरी शिक्षा अफसरों की प्रत्यक्ष और पारदर्शी भर्ती के लिए नियमों में संशोधनए स्कूलों के लिए खेल नीति और वोकेशनल शिक्षा के अंतर्गत कौशल विकास का विषय शुरू किया जाना आदि शामिल थे।