इस साल प्रथम चरण में 3141 वयस्क निरक्षरों को साक्षर करने का रखा लक्ष्य

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-रिकांगपिओ
उपायुक्त किन्नौर हेमराज बैरवा ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय द्वारा पढऩा-लिखना अभियान योजना के तहत आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते कहा कि यह अभियान स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग व मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। जिसका मुख्य उदेश्य 15 वर्ष से अधिक आयु के उन निरक्षर व्यक्तियों को पढऩे-लिखने के अवसर उपलब्ध करवाना है। जो किन्ही कारणों से स्कूल नहीं जा सके या उन्हें किन्ही कारणवश स्कूल छोडऩा पड़ा है। ताकि इस आयु वर्ग के व्यक्ति अपने जीवन में अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान और गणितिय समझ के साथ अपने कामों को बखूबी कर सके तथा सभी अपने जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में उचित तरीकों से सही निर्णय लेकर समाज में एक उपयोगी सदस्य की भूमिका निभा सकें। इस दौरान प्रारंभिक शिक्षा निदेशक किन्नौर अशोक नेगी ने बैठक को अवगत करवाया कि फवरी माह में जिला किन्नौर में वयस्क निरक्षर लोगों की पहचान के लिए प्राथमिक पाठशालाओं के शिक्षकों द्वारा सर्वे करवाया गया था तथा जिले में 5345 व्यस्क निरक्षर पाए गए। इनमें सभी युवा, वयस्क व प्रौढ़ शामिल हैं। लेकिन इस वर्ष प्रथम चरण में कुल 3141 वयस्क निरक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए पांच लाख रुपए का बजट जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान की शुरुआत पांच अप्रैल 2021 से हो गई है जो कि आगामी चार महीने तक चलेगा जिसमें 314 स्वयंसेवी व प्राथमिक शिक्षकों द्वारा निरक्षर वयस्क लोग को शिक्षित किया जाएगा, जिससे वे समाचार पत्र पढऩा, सड़क संकेत, फार्म भरना, जमा-घटाना, गुणा-भाग करना सीख सकें। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सोनम नेगी, उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा जोगिंद्र सिंह राव व विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।