भारी पड़ा गांवों को नगर निगम में शामिल करने का फैसला

By: Apr 9th, 2021 12:45 am

शहर में शामिल किए गांवों में भाजपा को देखना पड़ा हार का मुंह, पांच वार्डों में से चार में मिली शिकस्त, आठ हजार वोटरों को नहीं रिझा पाई बीजेपी

भूपेंद्र ठाकुर-सोलन
नगर निगम सोलन के चुनावों में एक बार फिर ग्रामीणों की जीत हुई है। गांव से शहर में शामिल किए गए पांच वार्डों में से भाजपा को चार वार्डों में हार का मुंह देखना पड़ा। गांव के आठ हजार वोटरों को रिझाने में भाजपा विफल रही है। सोलन में भाजपा की हार की यह मुख्य वजह भी रही है। जानकारी के अनुसार नगर निगम बनाए जाने के लिए करीब एक दर्जन से अधिक गांव के आठ हजार वाटरों को शहर में शामिल किया गया था। शहर में शामिल किए जाने से ग्रामीण काफी अधिक नाराज थे। नगर निगम के चुनावों में यह प्रमुख मुद्दा भी रहा है। सीएम जयराम ठाकुर चुनावों के दौरान तीन बार सोलन आए और तीनों बार उनका भाषण ग्रामीणों पर केंद्रित रहा है। पांच साल तक के लिए हाउस टैक्स में राहत दिए जाने का वादा भी भाजपा के काम नहीं आया। यहां तक कि 2021 की जनगणना के बाद गांव को पंचायतों में वापस किए जाने की बात भी सीएम अपने भाषण में बोल गए थे।

भाजपा की ग्रामीणों ने एक भी नहीं सुनी। इसी का नतीजा है कि गांव से शहर में शामिल किए गए अधिकत्तर वार्डों में भाजपा की हार हुई है। वार्ड नंबर-आठ में नड़ोह व आसपास का क्षेत्र निगम में शामिल किया गया था। इस क्षेत्र में करीब 300 वोट थे। चुनावों में इन वोटरों की अहम भूमिका रही, जिसकी वजह से भाजपा के सबसे सशक्त उम्मीदवार व बघाट बैंक के अध्यक्ष पवन गुप्ता को हार का मुंह देखना पड़ा है। इसी प्रकार वार्ड नंबर-11 में भी मौजूदा नगर परिषद अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर के पुत्र अभिषेक ठाकुर की हार हुई है। इस वार्ड में भी सेरी व आसपास का क्षेत्र निगम में शामिल किया गया है। वार्ड नंबर -15 में भी कागुड़ी व शामती के साथ लगते क्षेत्र में निगम में शामिल किया गया है। यहां पर भी भाजपा उम्मीदवार की करारी हार हुई है तथा कांग्रेस की उम्मीदवार संतोष ठाकुर ने जीत का परचम लहराया है। हालांकि वार्ड नंबर-16 में भाजपा अपनी लाज बचाने में कामयाब रही है। यह वार्ड भी गांव से निगम में शामिल किया गया है, लेकिन वार्ड नंबर-17 में भाजपा की हार हुई है। यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार सरदार सिंह जीतकर आए हैं। इस वार्ड में भी बसाल, न्यू कथैड़ व आसपास के क्षेत्र को निगम में शामिल किया गया है तथा इस वार्ड में करीब तीन हजार वोटर थे। (एचडीएम)

जिला परिषद में भी इसी वजह से हारी थी भाजपा
निगम में शामिल किए जाने की वजह से भाजपा को जिला परिषद में भी हार का मूह देखना पड़ा था। सलोगड़ा वार्ड से भाजपा की उम्मीदवार कुमारी शिला को इसकी कीमत चुकानी पड़ी तथा ग्रामीण संघर्ष समिति के सदस्य रहे मनोज वर्मा ने जीत दर्ज की थी। फर्क इस बार केवल यही रहा कि ग्रामीणों ने इस बार कांग्रेस का चुना है।
स्थानीय मुद्दों पर रहा कांग्रेस का फोकस
चुनावों में कांग्रेस का फोकस स्थानीय मुद्दों पर अधिक रहा। गांव से निगम में शामिल किए गए लोगों को 15 वर्षों तक टैक्स में छूट तथा घर-घर से मुफ्त में कूड़ा उठाए जाने का वादा कांग्रेस की नैया पार लगा गया है। इसके आलावा सिवरेज व पानी की समस्या का भी कांग्रेस ने खूब प्रचार किया।


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