महर्षि मार्कंडेय पेड़चा के मंदिर में श्रद्धालुओं ने नवाया शीश

By: Apr 16th, 2021 12:45 am

स्टाफ रिपोर्टर-बंजार
मार्कंडेय ऋषि के कारदार रमेश शर्मा कमली राम पुजारी नरोत्तम दत्त शर्मा किशोरी लाल शर्मा कारकून एवं प्रधान मोहनी लालचंद चौहान विष्णु नारायण पेडचा के कारदार टीसी महंत गूर मिनेराम ठाकुरू राम खोडू महादेव के कारदार लोभू राम आदि ने बताया कि इस वर्ष देव प्रथा का भी निर्वहन किया गया और सरकार द्वारा कोविड.19 के तहत जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन करते हुए मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रतिवर्ष हरियानों द्वारा बांटे जाने वाले प्रसाद को नहीं बांटा गया। उन्होंने बताया कि वैशाख संक्रांति पर्व के दिन मार्कंडेय ऋषि पेडचा के प्रकट स्थल थरास के मकराहड से लेकर व्यास और गोमती नदी के संगम स्थल पर जाकर ऋषि के बड़े भाई मार्कंडेय ऋषि थरास शाही स्नान करके अपनी प्रकट स्थली को स्पर्श करते हैं।

वहीं मार्कंडेय ऋषि पेडचा अपनी तपोस्थली के ऐतिहासिक मंदिर पेडचा में पहुंच कर तीन दिन तक वैशाख संक्रांति के पर्व मनाने के लिए अपनी तपोस्थली में ही रुकते हैं। उन्होंने बताया कि वैशाख संक्रांति पर्व के लिए मार्कंडेय ऋषि अपने देवालय मारकेहड़ से हरियानों के लाव लश्कर के साथ अपने मंदिर पहुंचते हैं जहां कुल्लू और मंडी सराज के सीमावर्ती इलाकों से सटी एक दर्जन भर ग्राम पंचायतों के ग्रामीण ऋषि के मंदिर पहुंच पर फूल मालाओं धूपबत्ती और देव लोई भेंट करके देवरथ का भव्य स्वागत करते हैं तथा माथा टेककर गूर से सरसों लेकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नवरात्र के तीसरे दिन वैशाख संक्रांति पर्व की अंतिम देव प्रक्रिया का निर्वहन करने के पश्चात ऋषि अपने देवालय को प्रस्थान करते हैं। इस पर्व को ऋषि की हारियानों कारकूनों और श्रद्धालुओं ने बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया।


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