एआईसीडी से दिल की निगरानी; डा. राकेश शर्मा बोले, ब्लूटूथ के माध्यम से भेजता है ऑनलाइन जानकारी

By: Apr 8th, 2021 12:06 am

नीलम ठाकुर — मोहाली

अब डाक्टर उन मरीजों की हृदय स्थिति की निगरानी कर सकते हैं, जिन्हें अचानक कार्डियक के उच्च जोखिम के लिए इंप्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (एआईसीडी) प्रत्यारोपित किया जाता है। यह उपकरण हृदय संबंधी आपात स्थितियों के दौरान जीवन रक्षक उपचार प्रदान करता है और स्मार्टफोन के ब्लूटूथ के माध्यम से डाक्टर से जुड़ा रहता है और डाक्टर को सारी जानकारी भेजता रहता है। आईवी अस्पताल मोहाली के कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट, डा. राकेश शर्मा ने कहा कि एआईसीडी के लीड्स दिल से जुड़े होते हैं और यह रोगी के दिल की धडकऩ पर नजर रखता है और जब उसे असामान्य रूप से तेज दिल की धड़कन का पता चलता है जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है, तो यह इलेक्ट्रिक शॉक समेत विभिन्न उपचारों के माध्यम से इसे समाप्त करने का काम करता है।

यह रोगी के फोन से जुड़ा रहता है और दुनिया में कहीं से भी डाक्टर को सभी आवश्यक जानकारी भेजता है ताकि डॉक्टर मरीज के दिल की निगरानी कर सके और किसी भी तरह की जानलेवा स्थिति और उचित उपचार का मार्गदर्शन कर सके। ऐसे उपकरण रोगियों की रिमोट निगरानी में बेहद मददगार होते हैं, जिन्हें सडन कार्डियक अरेस्ट का खतरा होता है। डा. राकेश बताया। इस बीच, हाल ही में डा. राकेश ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त 62 वर्षीय व्यक्ति का आईवी में एआईसीडी प्रत्यारोपित किया। यह मामला एक चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि रोगी की चार बार हार्ट स्टेंटिंग हो चुकी थी व हार्ट की पंपिंग क्षमता केवल 30 प्रतिशत थी। ब्लड कैंसर व हीमोग्लोबिन की समस्या के साथ-साथ पेशॅन्ट का प्लेटलेट काउन्ट 25000 से 30ए000 तक था। उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी हुआ था और कई इलेक्ट्रिक शॉक के बाद रिवाइव किया गया था। (एचडीएम)


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