राजधानी में झमाझम बारिश, तापमान गिरा

सिटी रिपोर्टर-शिमला
मंगलवार को राजधानी शिमला में दोपहर बाद हुई झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। गर्मी से परेशान लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं दूसरी और ताजा बारिश बर्फबारी की वजह से शहर में ठंड भी बड़ गई है। न्यूनतम व अधिकतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। हांलाकि जिला के उपरी क्षेत्रों में कई जगहों पर ओलावृष्टि होने की वजह से सेब के पौधो में हुई फ्लारिंग को भी असर पढ़ा। विभाग की चेतावनी के बीच हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। शिमला समेत प्रदेश के कई अन्य भागों में बारिश दर्ज की गई है। वहीं, ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है।

शिमला में दोपहर के समय झमाझम बारिश शुरू हुई, इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय नौ जिलों में मंगलवार और बुधवार को अंधड़, ओलावृष्टि और बारिश की चेतावनी जारी हुई है। 23 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में बादल बरसने का पूर्वानुमान है। 24 अप्रैल से मौसम साफ रहने की संभावना है। विभाग ने बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, ऊना, कुल्लू, मंडी, शिमला और सोलन जिले के लिए बारिश-ओलावृष्टि व अंधड़ का अलर्ट जारी किया है। बता दे कि बारिश न होने की वजह सेब के पौधो के पत्तो पर सुंडी कीट हमला बोल रही थी। अब बारिश होने के बाद पत्तो में लगने वाले कीटनाशक से राहत मिल सकती है। उधर बागबानो ने सलाह भी दी है कि कीटनाशकों के अनावश्यक छिडक़ाव से यह सुंडी कीट जरूर मर जाएगा, मगर इससे मित्र कीटों को भी नुकसान पहुंच सकता है। जोकि बेहतर फसल के लिए पौधो में होना आवश्यक है। जाने माने बागबानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज का कहना है कि सेब बागवान इस सुंडी से ज्यादा भयभीत न हो। यह प्रमुख कीटों की श्रेणी में नहीं आता है। यह जिन फलों में छेद करता हैं, वे खुद ही रिकवर भी हो जाते हैं। बताया जा रहा है कि यह छिडक़ाव भी उसी पेड़ पर किया जाए, जहां यह नुकसान कर रहा है। कीटनाशकों के अनावश्यक छिडक़ाव से मित्र कीटों को मारकर कई बार बड़ा नुकसान भी हो जाता है। आजकल पेड़ – पौधे में लगने वाले कीट के लक्षण सेब पपड़ी रोग के सबसे पहले लक्षण, बसंत में पत्तियों पर सूक्ष्म, गोल, जैतून-हरे धब्बों के रूप में नजऱ आते हैं। ये अक्सर मुख्य शिरा के आसपास होते हैं।