हे भगवान! डेढ़ महीने से नहीं आ रहा पानी

हेमंत गर्ग – नैनाटिक्कर
किसी भी प्राणी के लिए सबसे पहली जरूरत है पानी। परंतु सोचिए यदि पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी लोगों को न मिल पाए तो क्षेत्र में कितना विकास हुआ है खुद अंदाजा लगाया जा सकता है। जी, हां आज हम बात कर रहे हैं पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत साधनाघाट के ऐसे गांवों की जहां अन्य सुविधाएं तो छोडि़ए अपितु पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा भी सरकार उपलब्ध नहीं करवा पाई है। गौर हो कि घासन, सिंबल माण्णों, पट्टा-कुरफ्फड़, कटली इत्यादि ऐसे गांव हैं जहां 99 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग रहते हैं तथा इन गांव की लगातार सरकार तथा विभाग अनदेखी कर रहा है। पिछले लगभग डेढ़ महीने से जहां घासन गांव में पानी की सप्लाई नहीं आई है। वहीं माण्णों तथा पट्टा कुरफ्फड़ एवं कटली गांव ऐसे हैं जहां अभी तक पानी की सप्लाई तो दूर अपितु किसी भी सिंचाई योजना तक से इन गांवों को नहीं जोड़ा गया है। घासन गांव के ग्रामीणों सुंदर लाल, राज कुमार, बबलू राम, रंजना, अनिता, आरती, सोहन लाल, कुलदीप, कांता देवी, शकुंतला देवी, सुषमा, सीता राम, रोशन लाल, अमर सिंह, सोमदत्त तथा तारा दत्त इत्यादि ने बताया कि उनके गांव में एक कुआं है जिस पर लगभग डेढ़ सौ लोग आश्रित हैं, परंतु गत रात्रि इस कुएं में एक आवारा पशु गिरने से यह पानी दूषित हो गया है और पीने के पानी का अब कोई साधन नहीं है। तीन किलोमीटर दूर पैदल चलकर नाले का दूषित पानी पीने के लिए लाया जा रहा है।

ग्रामीणों की सरकार एवं विभाग से मांग है कि जब तक कोई स्थायी समाधान इन गांवों के लिए पानी का नहीं हो जाता तब तक टैंकर द्वारा इन गांवों में पानी दिया जाए, ताकि पशु एवं मानव जीवन को सुरक्षित रखा जा सके। उधर, इस संदर्भ में जब जल शक्ति विभाग के सराहां स्थित कार्यालय में सहायक अभियंता देशराज पाठक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि तलेहरी-साधनाघाट उठाऊ पेयजल योजना में पानी बहुत कम है, जिससे आपूर्ति करना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि आला अधिकारियों को समस्या से अवगत करवाया गया है। उधर, इस संदर्भ में जब शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में यह बात नहीं है। उधर, पच्छाद की विधायक रीना कश्यप से इस समस्या के संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने बताया कि पेयजल समस्या को दूर करने के लिए वह निरंतर कार्यरत हैं। इस समस्या के प्रति भी वह एसडीएम एवं जल शक्ति विभाग के उच्चाधिकारियों से बात कर ग्रामीणों के लिए जल्द ही पानी की आपूर्ति करवाई जाएगी। (एचडीएम)